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‘करो या मरो’ के मुकाबले में होगी धोनी की अग्निपरीक्षा

team-india-1452587627मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज के शुरुआती दो मुकाबले गंवा चुकी टीम इंडिया रविवार को मेलबोर्न में करो या मरो के मुकाबले में उतरेगी जिसमें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अग्निपरीक्षा होगी। 
 
पर्थ और ब्रिस्बेन के वनडे मुकाबलों में 300 से भी अधिक का रन स्कोर करने के बावजूद हार का सामना करने वाली भारतीय टीम को सीरीज का तीसरा मुकाबला हर हाल में जीतना ही होगा। 
 
गेंदबाजी विभाग ही टीम के लिए चिंता का प्रमुख विषय बना हुआ है, दोनों मैचों में बल्लेबाजों की मेहनत पर गेंदबाजों ने पानी फेर दिया। गेंदबाज बड़े स्कोर का बचाव भी नहीं कर सके और टीम को पहला वनडे पांच विकेट से जबकि दूसरा वनडे सात विकेट से गंवाना पड़ गया। 
 
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हार के लिए काफी हद तक स्पिनरों को जिम्मेदार ठहराया जिनकी महंगी गेंदबाजी ने टीम को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। पांच वनडे मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ चुकी टीम इंडिया को जीत दर्ज करने के लिए अपनी तरकश के सभी तीरों को आजमाना होगा। 
 
भारत को खेल के हर विभाग में बेहतर प्रदर्शन की जरूरत है, क्योंकि भले ही टीम ने दोनों मैचों में अच्छी बल्लेबाजी की हो लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसी पांच बार की विश्व चैंपियन के खिलाफ 308 या 309 का स्कोर कोई खास नहीं कहा जा सकता है। 
 
भारतीय टीम को अपनी गलतियों को सुधारने के साथ मेजबान टीम की सबसे बड़ी चुनौती कप्तान स्टीवन स्मिथ के खिलाफ भी विशेष रणनीति बनाकर उतरना होगा। 
 
सीरीज के दोनों मैचों में शतक जड़ चुके ओपनर रोहित शर्मा जबर्दस्त फार्म में चल रहे हैं लेकिन शिखर धवन की खराब फार्म इस समय सबसे बड़ी चिंता का कारण है जो पहले मुकाबले में नौ रन और दूसरे मुकाबले में छह रन पर ही आउट हो गए थे।
 
विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे मध्यक्रम में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन निचले क्रम को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी जिसमें खुद कप्तान धोनी की फार्म भी अहम है ताकि ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ जीत के लिये बड़ा स्कोर रखा जा सके। 
 
बल्लेबाजी क्रम में इस समय सभी को सबसे अधिक उम्मीद रोहित से बनी हुई हैं जिन्होंने पर्थ और ब्रिस्बेन में क्रमश: नाबाद 171 और 124 रनों की शतकीय पारी खेली थी। इसके अलावा विराट भी अच्छी फार्म में चल रहे हैं। निचले क्रम में धोनी के अलावा मनीष पांडे, जडेजा और अश्विन भी अच्छा स्कोर बनाने में सक्षम हैं। लेकिन इस मुकाबले में गेंदबाजों की जिम्मेवारी अधिक होगी। 
 
दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा दोनों ही खास प्रदर्शन नहीं कर सके हैं और महंगे साबित हुए हैं। वहीं अपने पदार्पण मुकाबले में ही ऑस्ट्रेलिया के तीन अहम विकेट निकालने वाले बरिंदर शरण अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और मेलबोर्न के मुकाबले में उनकी अहमियत और बढ़ जाती है। 
 
इसके अलावा तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और उमेश यादव भी गेंदबाजी विभाग में अहम साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रोकने के लिए कप्तान धोनी छह से सात गेंदबाजों को मैदान पर उतार रहे हैं और रोहित तथा विराट तक से गेंदबाजी कराई थी। ऐसे में साफ है कि गेंदबाजों को कप्तान और टीम की कसौटी पर खरा उतरना होगा। 
 
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जार्ज बैली और स्टीवन स्मिथ फिर भी भारत के लिए बड़ी चुनौती होंगे, जिन्होंने पहले मैच में 242 रन की साझेदारी की बदौलत अपनी टीम को जीत दिलाई थी जबकि दूसरे मुकाबले में भी दोनों ने मध्यक्रम में उपयोगी साझेदारी निभाई। 
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई टीम में अनुभव की कमी का भी भारत को फायदा उठाना होगा।
 
आलराउंडरों में मार्श ने पिछले चार वर्षों में केवल 10 वनडे ही खेले हैं जबकि पर्थ में पदार्पण करने वाले तेज गेंदबाज स्कॉट बोलांड महंगे गेंदबाज साबित हो रहे हैं। 
 
वहीं जोएल पेरिस भी दो मैचों में केवल एक विकेट ही ले सके हैं। आलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल भी कुछ खास फार्म में नहीं है और बल्ले तथा गेंद से विफल रहे हैं। केवल जेम्स फाकनर ही एकमात्र विशेषज्ञ गेंदबाज हैं जिन्होंने दोनों मैचों में दो-दो विकेट चटकाए हैं।
 
भारतीय बल्लेबाजों को निश्चित तौर पर ऑस्ट्रेलिया की इस अनुभवहीनता का फायदा उठाना चाहिए। रोहित, विराट, रहाणे और शिखर की मौजूदगी वाले बल्लेबाजी क्रम को कम से कम 330 रनों का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरना चाहिए, जिससे भारत आसानी से जीत की पटरी पर लौट सकता है। लेकिन गेंदबाजी टीम इंडिया के लिए सिरदर्द बनी हुई है जिससे निजात पाना ही होगा।
 
मेलबर्न वनडे के लिए दोनों संभावित टीमें इस प्रकार से हैं- 
 
भारत (संभावित)- शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, मनीष पांडेय, महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रवीन्द्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, इशांत शर्मा, उमेश यादव, बरिंदर शरण।
 
ऑस्ट्रेलिया (संभावित)- आरोन फिंच, शॉन मार्श, स्टीवन स्मिथ (कप्तान), जार्ज बैली, ग्लेन मैक्सवेल, मिशेल मार्श, मैथ्यू वेड (विकेटकीपर), जेम्स फॅाकनर, जॉन हेस्टिंग्स, स्कॉट बोलैंड, जोएल पेरिस।

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