नई दिल्ली : दिल्ली एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव से पहले हुए हंगामे और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जिद को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की मेयर शैली ओबेरॉय को यूटर्न लेना पड़ा। अपने स्टैंड पर बुधवार और गुरुवार को अड़े रहने के बाद मेयर ने बीजेपी की दोनों शर्तें मान लीं और इसके बाद वोटिंग शांतिपूर्वक शुरू हो गई।
दरअसल, बुधवार को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव शांतिपूर्वक हो गया था। लेकिन इसके बाद जब स्टैंडिंग कमिटी के लिए वोटिंग शुरू हुई तो मेयर ने सदस्यों को साथ में मोबाइल ले जाने की इजाजत दे दी।बीजेपी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इससे गोपनीयता भंग हो रही है। उनका कहना था कि पार्षद वोटिंग करते समय मोबाइल में उसकी तस्वीर ले रहे हैं। बीजेपी के भारी विरोध के बाद मेयर ने मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी। हालांकि, तब तक 40 से अधिक पार्षद मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके थे।
इसके बाद बीजेपी ने नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी। बीजेपी का कहना था कि मोबाइल के साथ की गई वोटिंग अवैध है और इसलिए खारिज कर दिया जाए। हालांकि, मेयर ने यह शर्त मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ‘आप’ और बीजेपी पार्षद आमने सामने आ गए। जमकर हंगामा हुआ और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। एक दूसरे को पानी की बोतलों और सेब फेंककर मारा गया। रातभर सदन में हंगामा होता रहा। सुबह भी जब पार्षद शांत नहीं हुए तो कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया था।
आज फिर सदन में जब बीजेपी के पार्षद पहुंचे तो अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद मेयर ने अपने स्टैंड में बदलाव करते हुए बीजेपी की दूसरी शर्त भी मान ली और नए सिरे से चुनाव कराने की बात कही। मेयर की इस घोषणा के बाद बीजेपी के पार्षद भी शांति से सीट पर बैठ गए और वोटिंग शुरू हुई। दिसंबर अंत में हुए एमसीडी चुनाव में ‘आप’ ने बहुमत हासिल किया था। 250 सदस्यीय सदन में ‘आप’ ने 134 सीटों पर जीत हासिल की तो बीजेपी ने 104 सीटों पर कब्जा किया था। मेयर और डिप्टी मेयर पद पर ‘आप’ ने आसानी से जीत हासिल कर ली।