होली के दिन करें ये खास उपाय, घर में आएगी सुख-समृद्धि, होगी हर मनोकामना पूरी
नई दिल्ली : प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन रंगवाली होली खेली जाती है। इस पर्व को होलिका दहन के अगले दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष रंग वाली 8 मार्च 2023, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली ब्रज में होली की शुरुआत फुलेरा दूज से ही हो जाती है और एक ही उत्साह से इस पर्व को मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली का संबंध भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी से है। ऐसे में इस दिन पूजा-पाठ का भी विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होली के विशेष अवसर पर कुछ उपायों को करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं होली के दिन किए गए किन उपायों से व्यक्ति को लाभ।
शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान गणेश के आशीर्वाद से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। इसलिए होली के दिन भी सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें ठंडाई का भोग लगाएं।
होली 08 मार्च, बुधवार के दिन खेली जाएगी और बुधवार का दिन भगवान गणेश की उपासना के लिए समर्पित है। इसलिए इस दिन होली खेलने से पहले स्नान-ध्यान करें और गणेश जी की पूजा के बाद उनके प्रिय स्तोत्र और आरती का पाठ करें।
जैसा कि हम जानते हैं कि होली पर्व का संबंध राधा-कृष्ण और ब्रज से है। ऐसे में इस दिन घर के ईशान कोण में राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें गुलाल या अबीर अर्पित करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है।
होली की शुरुआत होलिका दहन से हो जाती है। इसलिए होलिका दहन के दिन और अगली सुबह नृसिंह स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। नृसिंह भगवान श्रीहरि के अवतार माने जाते हैं और इन्होंने दैत्यराज हिरण्यकशिपु का वध किया था, जिसकी बहन होलिका थी।
होली के दिन गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का 51 माला जप करें। इसके बाद इसी मंत्र से हवन करें। इस उपाय से होली के दिन ही आपके घर से समस्त नेगेटिव शक्तियां भाग जाएंगी। आपका घर पूरी तरह से देवस्थान बन जाएगा और आपका भाग्य भी चमकेगा।
कई बार लाख प्रयासों के बाद भी व्यक्ति का कॅरियर चमक नहीं पाता है। इसी तरह व्यापार में भी लगातार पतन होता रहता है। इस स्थिति में होली के दिन आदित्य ह्रदय स्रोत का 108 बार जप करना लाभदायक सिद्ध होगा। आप भी इसे उस दिन अपने गुरु की आज्ञा से सिद्ध कर लें। फिर रोजाना 11 बार पाठ करें।