राजनाथ सिंह के घर RSS और BJP के दिग्गज नेताओं ने किया मंथन
नई दिल्ली : भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख नेताओं ने बुधवार देर शाम आगामी लोक सभा चुनावों को लेकर विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। बैठक में आने वाले कुछ विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई। साथ ही संगठनात्मक समीक्षा में कुछ बदलाव किए जाने की भी बात कही गई। यह समन्वय बैठक लगभग चार घंटे चली। मंगलवार देर शाम रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के घर पर हुई इस बैठक में भाजपा से राजनाथ सिंह के साथ गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद थे। संघ की तरफ से सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुरेश सोनी बैठक में मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, बैठक में जेपी नड्डा के कार्यकाल को डेढ़ साल का विस्तार मिलने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए संगठन में कुछ बदलाव करने को लेकर चर्चा हुई। कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत तेलंगाना विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा हुई।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 12 से 14 मार्च तक हरियाणा समालखा में होनी है। इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले संघ के सभी संगठनों के तीन हजार प्रतिनिधि बैठक देशभर से आएंगे। बैठक में सभी संगठन अपने-अपने कामों का ब्योरा तो देते ही हैं, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की योजनाओं और कामकाज का जमीनी फीडबैक भी देते हैं। संघ का फीडबैक भाजपा संगठन और सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
लोकसभा चुनावों की तैयारियों को तेज करते हुए भाजपा संसद के बजट सत्र के बाद अपने प्रमुख नेताओं के देशव्यापी दौरों को तेज करेगी, ताकि केंद्र की विभिन्न योजनाओं को नीचे तक पहुंचाया जा सके। पार्टी की तैयारी हर लोकसभा क्षेत्र में पहुंचने की है। साथ ही निश्चित समयांतराल के बाद अन्य नेता भी इन क्षेत्रों का दौरा करेंगे, ताकि लोकसभा चुनावों तक उसका अभियान सतत रूप से चल सके।
संसद का बजट सत्र अप्रैल के मध्य में समाप्त हो जाएगा और उसके बाद लोकसभा चुनावों के लिए महज एक साल ही बचेगा। गौरतलब है कि दिल्ली में हुई पार्टी की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले 400 दिन के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी एजेंडा थमा चुके हैं। यानी भाजपा हर रोज चुनावी काम कर रही है। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, वहां पर तो भाजपा का प्रचार तेज हो ही रहा है। साथ ही जहां लोकसभा चुनाव तक और कोई चुनाव नहीं है, वहां पर भी अभियान की निरंतरता बनाए रखी जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, संसद के बजट सत्र के बाद गर्मियों की शुरुआत भी हो जाएगी और उस समय देश के बड़े हिस्से में किसान को भी कामकाज से राहत मिलेगी। ऐसे में पार्टी गांव-गांव जाकर अपने अभियान को नीचे तक पहुंचाएगी। इसमें मुख्य जोर इस साल के बजट प्रावधानों व आठ साल की सरकार के कामकाज को लोगों तक पहुंचाना है। खास कर विभिन्न लाभार्थी योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचा जाएगा और नए लाभार्थियों को भी जोड़ा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार ऐसे कई दौर चलेंगे, जिनमें केंद्रीय मंत्री, जहां सरकारें हैं वहां के मंत्री, सांसद व पार्टी पदाधिकारी दौरे करेंगे। लोकसभा चुनावों तक ऐसे तीन से चार दौर हो सकते हैं, जिनमें सभी लोकसभा क्षेत्र के लोगों तक केंद्रीय नेताओं की पहुंच सुनिश्चित होगी। इसमें सरकारी, सामाजिक व राजनीतिक कार्यक्रम शामिल रहेंगे। इस दौरान पार्टी के पास हर क्षेत्र का व्यापक फीडबैक भी मिलेगा। अगर किसी सांसद के खिलाफ माहौल है तो उसे ठीक किया जाएगा। जो सीट उसके पास नहीं हैं, वहां अपनी ताकत को मजबूत किया जाएगा।