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होलकर की पिच को लेकर विवाद, पूर्व भारतीय कप्तान ने उठाए सवाल,ICC ले सकती है एक्शन

इंदौर : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला इंदौर में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में पिच को लेकर अब काफी बातें हो रही हैं. खेल के पहले ही दिन कुल 14 विकेट गिर गए. ये आशंका जताई जा रही है कि मुकाबला एक बार फिर तीन दिन के भीतर ही खत्म हो जाएगा. होलकर स्टेडियम की पिच पर स्पिनर्स को पहले दिन ही काफी ज्यादा टर्न मिल रही थी और खेलना मुश्किल हो रहा था.

भारतीय टीम की पहली पारी तो लंच के कुछ देर बाद 109 रन पर सिमट गई थी. वहीं आस्ट्रेलियाई टीम ने 156 रन तक चार विकेट गंवा दिए थे. अब आईसीसी की ओर से इंदौर टेस्ट की पिच के मामले में बड़ा एक्शन लिया जा सकता है. मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड का इंदौर के पिच की खराब प्रकृति पर संज्ञान लेना निश्चित है और पिच को औसत से कमतर रेटिंग मिलने की संभावना है. नागपुर और दिल्ली की पिच को औसत रेटिंग अंक मिला था, लेकिन अब इंदौर की पिच के मामले में आईसीसी काफी सख्त नजर आ रही है.

पहले तीसरा टेस्ट मैच धर्मशाला में होना था, लेकिन दो हफ्ते पहले ही मुकाबले को इंदौर में आयोजित कराने का ऐलान किया गया था. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे है कि क्या क्यूरेटरों को पिच तैयार करने के लिये पूरा समय मिल पाया होगा? तीनों ही टेस्ट में दर्शक भारी तादाद में दर्शक स्टेडियम में आए हैं, लेकिन तीन-तीन दिन में टेस्ट मुकाबले का समाप्त होना इस बड़े फॉर्मेट के लिए खतरे की घंटी है.

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि भारत में तीन दिन के अंदर टेस्ट समाप्त होने का चलन सही नहीं है. वेंगसरकर ने कहा, ‘अगर आप अच्छा क्रिकेट देखना चाहते हैं तो पिच से ही सारा अंतर पैदा होता है. आपके पास ऐसे विकेट होने चाहिए जहां बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को बराबरी का मौका मिल सके. अगर पहले ही दिन और पहले ही सत्र से गेंद टर्न लेने लगेगी और वो भी असमान उछाल के साथ तो इससे टेस्ट क्रिकेट का मजाक ही बनता है.

वेंगसरकर कहते हैं, ‘टेस्ट क्रिकेट के लिए दर्शकों का मैदान में आना सबसे अहम है. लोग तभी टेस्ट क्रिकेट देखने आएंगे, अगर यह दिलचस्प होय. कोई भी दर्शक गेंदबाजों को पहले ही सत्र से बल्लेबाजों पर दबदबा बनाते हुए नहीं देखना चाहता. आस्ट्रेलियाई दिग्गज मैथ्यू हेडन भी इंदौर की पिच से नाखुश हैं.

हेडन ने कहा, ‘किसी भी तरह से छठे ही ओवर से स्पिनर्स को गेंदबाजी के लिए नहीं आना चाहिए. इसलिए मैं इस तरह की पिचों को पंसद नहीं करता. पहले दिन से पिच इतनी टर्न लेने वाली नहीं होनी चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि आस्ट्रेलिया यह टेस्ट जीते या फिर भारत. इस तरह की पिचें टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं हैं.

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