नई दिल्ली : भारत में मुंह का कैंसर सबसे आम कैंसरों में एक है. पिछले 10 सालों में मुंह के कैंसर के मामलों में एक तिहाई से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है. यह कैंसर होंठ , मसूड़े, जीभ, गालों की अंदरूनी परत, मुंह के ऊपर (top of mouth) और जीभ के नीचे समेत मुंह के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है. इस भयानक बीमारी से बचने के लिए इसके लक्षणों को जानना और उसकी जल्द से जल्द जांच कराना बहुत जरूरी है.
‘साइंस डायरेक्ट’ वेबसाइट में प्रकाशित 2020 की एक रिसर्च के अनुसार, तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर का प्रमुख कारक रहा है. गुटका, जर्दा, खैनी, सिगरेट, बीड़ी, हुक्का ये सब चीजें तंबाकू में शामिल हैं जो ट्यूमर के विकास का एक प्रमुख कारण है. युवा और वृद्ध दोनों आयुवर्ग के लोग इसका शिकार हो रहे हैं. मुंह का कैंसर शुरुआत में कुछ संकेत और लक्षण देता है जिन्हें किसी को भी भूलकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
मसूड़ों, जीभ, टॉन्सिल या मुंह पर लाल या सफेद मोटे धब्बे दिखाई देना खतरनाक हो सकता है. इस स्थिति को ल्यूकोप्लाकिया कहते हैं. अधिकांश ल्यूकोप्लाकिया पैच नॉन कैंसरस होते हैं. हालांकि कई कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. ये तंबाकू उत्पादों के सेवन की वजह से हो सकते हैं. अगर किसी को ऐसे निशान नजर आएं तो बिना देरी के तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.
अगर आपको मुंह या लिम्फ ग्लैंड्स (गर्दन की लसिका ग्रंथि) में किसी तरह की गांठ महसूस हो रही है तो यह खतरनाक हो सकता है. अगर आपको लगातार ऐसा महसूस हो सकता है कि आपके गले में कुछ फंस गया है या गले में खराश का अनुभव होता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
बिना किसी वजह के अगर आपके चेहरे, मुंह या गर्दन और उसके आसपास दर्द होता है सुन्नता महसूस होती है तो यह मुंह के कैंसर का संकेत हो सकता है. इस स्थिति में जबड़े में सूजन और दर्द भी हो सकता है.
एक या एक से अधिक दांतों का बिना किसी वजह से कमजोर होना और गिरना कैंसर का संकेत हो सकता है. इसके अलावा अगर आपने कोई दांत निकाला है और उसके का उस जगह पर हुआ गड्ढा भरा नहीं है तो भी आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए. मुंह के कैंसर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी समेत कई तरह से किया जाता है. यह व्यक्ति की उम्र, हेल्थ कंडीशन और स्टेज पर निर्भर करता है.