प्यार और शादी के लिए लक्ष्मण और कोशी ने छोड़ दिया नक्सलवाद का रास्ता
जगदलपुर: पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में नक्सलियों के आत्मसमर्पण में तेजी आई है। राज्य पुलिस का दावा है कि यह उनकी और सुरक्षा बलों की लगातार कोशिशों का नतीजा है। लक्ष्मण और कोशी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिन्होंने प्यार के लिए हिंसा छोड़ दी।
दूल्हे लक्ष्मण पर था कभी एक लाख रुपये का इनाम
दरअसल, नक्सली हिंसा से प्रभावित बस्तर के जगदलपुर के लोग शनिवार रात एक भव्य शादी के साक्षी बने। दूल्हा लक्ष्मण पोडियम जन मिलिशिया का डिप्टी कमांडर रह चुका है और उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम था। दुल्हन कोशी भी नक्सलियों की एक प्लाटून की सदस्य रह चुकी है। हाल ही में दोनों ने हथियार डाले थे। पुलिस और सामाजिक एकता मंच को जब उनके प्यार का पता चला तो उन्होंने लक्ष्मण और कोशी की शादी की ख्वाहिश पूरी कर दी।
नक्सलियों ने नहीं दी प्यार की इजाजत
लक्ष्मण पोडियम ने बताया कि पहले हम पुलिस से लड़ते थे। नक्सलियों ने हमारे प्यार को अनुमति नहीं दी। इसलिए हमने आत्मसमर्पण कर दिया और पुलिस ने हमारी शादी करवा दी। करीब छह महीने पहले बस्तर के जंगलों में कोशी और लक्ष्मण एक-दूसरे के क़रीब आए। दोनों ने नक्सली नेताओं को शादी की अपनी इच्छा बताई, लेकिन उन्हें इजाज़त नहीं मिली। इसी के बाद लक्ष्मण और कोशी ने आत्मसमर्पण की ठानी और दो हफ़्ते पहले 24 अन्य नक्सलियों के साथ पुलिस के सामने हथियार डाल दिए।
शादी समारोह में पांच हजार लोग हुए शरीक
पुलिस और प्रशासन ने इसके बाद उनकी शादी के समारोह का आयोजन किया, जिसमें पांच हज़ार लोग शरीक़ हुए। उपहार में दोनों को पुलिस आरक्षक की नौकरी भी दी गई। छत्तीसगढ़ पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में 600 से ज़्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस को उम्मीद है कि उसके ताज़ा कदम से और भी नक्सली सरेंडर का मन बनाएंगे और हिंसा का रास्ता छोड़ देंगे।