दिल्ली

दिल्ली की अदालत ने पहलवान सुशील कुमार को 4 दिन की अंतरिम जमानत दी

नई दिल्ली, । दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या के मुख्य आरोपी ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार को अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए चार दिन की अंतरिम जमानत दे दी। सुशील कुमार पर कथित संपत्ति विवाद को लेकर 4 मई, 2021 को हरियाणा के रोहतक के निवासी पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन धनखड़ और उनके दोस्तों के साथ शहर के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किं ग में कथित रूप से मारपीट करने का आरोप है।

वह 2 जून, 2021 से न्यायिक हिरासत में हैं।

पिछले साल अक्टूबर में अदालत ने सुशील कुमार और 17 अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे, जिससे उनके मुकदमे का मंच तैयार हो गया था।

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने कहा : “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आरोपी के पिता का कल निधन हो गया और उनका अंतिम संस्कार आज ही किया जाना है, मानवीय आधार पर आवेदक या आरोपी को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। एक लाख रुपये की राशि के व्यक्तिगत बांड और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों को प्रस्तुत करने पर आरोपी को 6 से 9 मार्च तक के लिए जमानत दी जाती है।”

न्यायाधीश ने कहा, “आवेदक की निगरानी और सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों या पुलिसकर्मियों की तैनाती का पूरा खर्च उसके परिवार के सदस्यों द्वारा वहन किया जाएगा।”

जेल नियमों के अनुसार, अदालत ने कहा, पैसा संबंधित जेल अधीक्षक के पास अग्रिम रूप से दर्ज किया जाना चाहिए।

न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि कुमार को अपनी रिहाई की अवधि समाप्त होने पर 10 मार्च को संबंधित जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहिए।

अदालत ने अंतरिम जमानत पर अभियोजन पक्ष के गवाहों को धमकी नहीं देने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने या किसी अपराध में शामिल नहीं होने और जांच अधिकारी द्वारा आवश्यक होने पर अपने फोन की लाइव लोकेशन साझा करने जैसी कई शर्ते लगाईं।

न्यायाधीश ने कहा : “अगर यह अदालत के संज्ञान में लाया जाता है कि आवेदक उक्त शर्तो का उल्लंघन कर रहा है, तो उसे दी गई अंतरिम जमानत रद्द करने के लिए उत्तरदायी होगी।”

धनखड़, जिसकी हत्या की गई थी, ने चोटों के कारण दम तोड़ दिया था और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, मस्तिष्क में चोट के कारण उसकी मौत हुई थी।

आनंद ने सुशील कुमार और अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या, दंगा और आपराधिक साजिश सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप तय किए।

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