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हल्के में नहीं ले H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस, अब तक देश में 7 लोगों ने गंवाई जान

नई दिल्ली: भारत में H3N2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है. खबर लिखे जाने तक इस इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से गुजरात (Gujarat) में एक 58 वर्षीय महिला की मौत हो गई. उसका वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. इसके साथ ही इस वायरस की वजह से भारत में अब तक कुल सात लोग काल के गाल में समा चुके हैं. इस बीमारी से स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को एहतियाती उपाय अपनाने के सुझाव दिए हैं.

H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस से बचने के लिए डॉक्टरों ने मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी है. डॉक्टरों का कहना है, वायरस से बचने के लिए लोग अपने हाथों को लगातार धोते रहें साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं.

IDSP-IHIP (एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच) पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 9 मार्च तक राज्यों को एच3एन2 सहित इन्फ्लुएंजा के विभिन्न उपप्रकारों के कुल 3,038 मामलों की पुष्टि की है. इसमें जनवरी में 1,245 मामले, फरवरी में 1,307 और 9 मार्च तक 486 मामले शामिल हैं.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को इस वायरस से बचने के लिएअत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क पहनने का कहा है. यहां तक लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की भी सलाह दी है.

H3N2 और H1N1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है. कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं. लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है.

कर्नाटक में कोविड केसों को लेकर इसका आंकड़ा 500 को पार कर गया. 13 मार्च, 2023 तक राज्य में कोविड के कुल 510 सक्रिय मामले पाए गये हैं और राज्य में सोमवार को इसके 62 नए मामले सामने आए. 12 मार्च को इसका पॉजिटिविटी रेट 4.5% था, जबकि इसका कुल साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 2.60% था.

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