बारिश में टूटा 43 वर्ष का रिकॉर्ड, फसलों को हुआ भरी नुकसान
लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के असर से सोमवार की रात से मंगलवार की सुबह तक झमाझम वर्षा हुई है। बारिश ने मार्च माह में बीते 43 वर्षों का रिकॉर्ड भी तोड़ चुके है। दो दिन में 102.4 मिली वर्षा दर्ज की गई। दस डिग्री तापमान कम ही था। अभी 24 और 25 मार्च को भी वर्षा के आसार हैं। मौसम कार्यालय में दिन का अधिकतम तापमान 21.7 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस और बारिश 62.2 मिमी दर्ज की जा चुकी है, जबकि दो दिन में बारिश 102.4 डिग्री दर्ज कर लिया गया है। 1980 से लेकर अब तक 2023 में सबसे अधिक बारिश हुई है। इससे पहले 2015 में वर्ष 99.8 मिमी दर्ज की गई थी।
फसलों को नुकसान से किसानों की चिंता बढ़ी: किसानों की फसल खेतों में तैयार है और बेमौसम वर्षा के साथ ही हवा आफत बन चुकी है। सबसे अधिक गेहूं, आलू और सरसों को हानि पहुंची है। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डाॅ. RS सेंगर का बोलना है कि इस वक़्त बारिश फसलों के लिए अनुकूल नहीं है। वर्षा से 15 से 20 फीसद क गेहूं और सरसों में नुकसान की आशंका है। गेहूं की फसल खेत में गिरने से उत्पादन पर ज्यादा प्रभाव दिखाई दी है।
अगले दो दिन पश्चिमी यूपी के अधिकांश जिलों में मौसम शुष्क व साफ रहने का अनुमान है जबकि 23 मार्च को पुन: सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ से 24 मार्च को सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, शामली, गाजियाबाद, हापुड़ और आसपास के इलाकों में तेज हवा के साथ मध्यम वर्षा के आसार हैं। अन्य जिलों में भी हल्की वर्षा संभावित है।