फिल्म में नहीं दिखाया था पूरा राष्ट्रगान, करन जौहर 14 साल बाद हुए आरोप मुक्त
लखनऊ. उत्तर प्रदेश हिन्दी फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ में राष्ट्रगान का अपमान किए जाने के एक मामले में लखनऊ की अदालत ने फिल्म निर्माता करण जौहर को क्लीनचिट देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया.
14 साल पुराने इस मामले में विशेष अदालत ने करण जौहर की पुर्नविचार याचिका को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया है.
आपको बता दें कि इससे पहले निचली अदालत ने इस मामले में करण जौहर को आरोप मुक्त करने से इंकार करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर समन जारी किया था. जिसके बाद करण जौहर ने इस आदेश को सत्र अदालत में चुनौती दी गई थी. जिसके बाद मंगलवार को सत्र अदालत ने निचली अदालत के इस आदेश को खारिज कर दिया.
करण जौहर की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत हुए वकील चंद्रशेखर सिन्हा ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने जानबूझकर राष्ट्रगान का अपमान नहीं किया. उन्होंने कहा कि किसी भी डॉक्यूमेंट्री, न्यूजरील या किसी फिल्म में राष्ट्रगान उसका एक हिस्सा भर होता है. और यह कानून बाध्यता नहीं है कि इसके दिखाए जाने पर खड़ा होना ही चाहिए.
कोर्ट में जौहर के खिलाफ यह याचिका वादी प्रताप चंद्रा ने दायर की थी. चंद्रा का आरोप था कि राष्ट्रगान को उसके तय समय 52 सेकेंड में गाते हुए नहीं फिल्माया गया है. साथ ही राष्ट्रगान को बीच में रोक भी दिया गया है, जो उसका अपमान है.