रायपुर : धान न केवल छत्तीसगढ़ के किसानों की आजीविका का मुख्य साधन हेै बल्कि यह छत्तीसगढ़ की संस्कृति में भी रचा बसा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के समर्थन मूल्य के तहत प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने के फैसले का छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आयेगा। राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला राज्य के लगभग 25 लाख किसानों के जीवन में सीधे तौर पर बदलाव लाएगा। इस फैसले से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। इसका फायदा उद्योग और व्यापार जगत को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का मानना है कि छत्तीसगढ़ के किसानों की खुशहाली और समृद्धि में ही छत्तीसगढ़ का भविष्य निर्भर है। छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य के उद्योग नीति में कृषि आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है। गांव में खेती-किसानी स्थिति सुधारने, जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ भू-जल स्तर में वृद्धि के लिए भी सुराजी गांव योजना लागू की गई है। इस योजना के नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी पर विशेष तौर पर फोकस किया जा रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की परिकल्पना को धरातल पर पूर्ण की जा सके।
मुख्यमंत्री द्वारा समर्थन मूल्य में अगले खरीफ सीजन से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी के फैसले से किसानों में काफी उत्साह और खुशी का महौल है। आगामी सीजन में भी किसानों की संख्या में वृद्धि होने के साथ-साथ कृषि रकबा में वृद्धि होगी। पिछले वर्ष प्रति एकड़ 15 क्विंटल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई थी। 5 क्विंटल धान की और खरीदी होने से आगामी सीजन में लगभग 125 से 130 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान लगाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में इस साल रिकॉर्ड 107.53 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी हुई है और किसानों की जेब में लगभग 22 हजार करोड़ से अधिक की राशि पहुंची है। राईस मिलरों को कस्टम मिलिंग के लिए प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करने के फलस्वरूप निर्धारित समय में चावल की मिलिंग की जा रही है। 61 लाख टन चावल एफसीआई और नान में जमा करने के लक्ष्य के विरूद्ध 43 लाख टन चावल जमा किया जा चुका है।