रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आॅल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने देशभर से आये स्टील उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्टील सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार तत्त्पर है। स्टील उद्योग छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्टील उद्योग को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कभी महंगी बिजली का संकट सामने आ जाता है, कभी ईंधन का संकट सामने आ जाता है, कभी सस्ते कच्चे माल की जरूरत शिद्दत के साथ महसूस की जाती है, तो कभी कोरोना और लॉकडाउन का संकट सामने आ जाता है। लेकिन कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार की नीति की वजह से उद्योग बंद नहीं हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को भले घाटा हो लेकिन हमने आपको बिजली में छूट दी ताकि उद्योग अच्छे से चलते रहें। हमारे राज्य से कोयला पूरे देश में जाता है, कोरोना काल मे हमने कोयला की आपूर्ति बाधित नहीं होने दी। मैं रायपुर सांसद के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि एसईसीएल से स्टील व्यवसायियों को कोल लिंकेज मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला खदानों की वजह से सड़कें बहुत खराब हैं। खराब सड़कों की वजह से परिवहन बहुत महंगा हो गया है। इसलिए किसी उद्योग की स्थापना के समय सड़क को भी प्रोजेक्ट में ले लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा जब कोरोना की दूसरी लहर आयी तो देश की राजधानी और अन्य राज्यों में आॅक्सीजन की कमी थी लेकिन छत्तीसगढ़ में आॅक्सीजन की कोई कमी नहीं हुई, हमने तुरन्त उद्योगपतियों को आॅक्सीजन प्लांट लगाने के लिए लाइसेंस दिया। देशभर में आॅक्सीजन का दवाब था तो मैंने प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया कि स्टील प्लांट को भी कुछ आॅक्सीजन दीजिये। जिससे प्लांट भी चल सके। कोरोना काल में देशभर में मजदूर पलायन कर रहे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ में स्थिति ऐसी नहीं थी। हमारे छत्तीसगढ़ में बेहतर उद्योग नीति की वजह से कोरोना काल मे भी उद्योग अच्छे से चलते रहे। जब कोरोना संकट आया और लॉकडाउन की परिस्थितियां निर्मित हुई तब एक बारगी लगा कि प्रदेश का स्टील सेक्टर दम तोड़ देगा, लेकिन हमने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। भीषण संकट के बीच सरकार स्टील सेक्टर की ताकत बनी और हमारे स्टील उद्योग सरकार की ताकत बन गए। कोरोना संकट काल में भी हमारे यहां देश में सबसे ज्यादा स्टील का उत्पादन किया। पिछले चार सालों के दौरान छत्तीसगढ़ का औद्योगिक परिदृश्य पूरी तरह बदल चुका है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आयरन ओर, कोयला, जमीन, पानी, बिजली और लोग सभी हैं,लेकिन आपका विजन सरकारों की सहमति के बगैर संभव नहीं है। 2018 में हमारी सरकार आने के बाद नई औद्योगिक नीति बनायी, आपके उद्योग ने जो भी मांगे रखीं त्वरित निराकरण किया गया। जो भी मांगे व समस्याएं हैं बतायें सरकार नीतिगत पूरा करने करने तैयार है। सांसद सुनील सोनी ने कहा कि आपका उद्योग कैसे बढ़े इस पर चिंतन शिविर कर रहे हैं छत्तीसगढ़ में आपका स्वागत है। आप लोगों के बदौलत देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था चलती है। सुरक्षा, शांति, स्थिरता, रा-मटेरियल, बिजली, पानी, मेन पावर सब कुछ हमारे छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए यहां अनुकूल माहौल है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और आत्मनिर्भरता आई है। केन्द्र सरकार के समक्ष जो भी बातें रखनी होगी उनके समक्ष लायें वे रखने तैयार हैं। केन्द्रीय इस्पात मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते भी आने वाले थे पर अपरिहार्य कारणों वे नहीं पाये उन्होने कॉन्क्लेव के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की है।
इससे पूर्व कॉन्क्लेव के चेयरमेन रमेश अग्रवाल ने कहा कि अभी ये शुरूआत है अभी लंबा सफर तय करना है। दो दिन के कॉन्क्लेव में बहुत कुछ नया सीखा है,समझा है। क्या संभव है,क्या चुनौतियां है। सरकार और इंडस्ट्रीज मिलकर कैसे पूरा कर सकते हैं चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए कहा कि जो सबिस्डी और स्टील पालिसी उन्होने बनायी है,उससे यहां बेहतर काम हो रहा है और इसके परिणाम आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। छत्तीसगढ़ स्टील री रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि इंडिया की जो इकानामी तेज गति से चल रही है उसमें स्टील इंडस्ट्रीज का भी बहुत बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ सरकार की औद्योगिक व विशेषकर स्टील नीति के लिए उन्होने राज्य सरकार का आभार जताया। उन्होंने सभी उद्योगपतियों से आव्हान किय कि हमें एकजुट होकर कंधे से कंधा मिलाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है और देश को उन्नत बनाना है। मुख्यमंत्री बघेल ने सभी स्पांशर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। महासचिव बांकेबिहारी अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।