चंडीगढ़ : सरकार ने प्रदेश के लगभग 3200 अस्थाई और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को 31 मार्च से पहले बन्द करने का फरमान जारी किया था। इसके बाद इन स्कूलों के प्रतिनिधि के साथ समस्या लेकर नवीन जयहिन्द के पास पहुंचे। जयहिन्द के नेतृत्व में शनिवार 11 मार्च को रोहतक के मानसरोवर पार्क में एकत्रित होकर वहां से भाजपा राज्यकार्यालय तक पैदल मार्च निकाला गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्राइवेट स्कूलों को राहत देते हुए सभी अस्थाई और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की मान्यता दो साल आगे बढ़ा दी है। सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा ढाई लाख रुपए का बॉन्ड भरने की शर्त रखी। जिससे इन स्कूलों में शिक्षा दे रहे 60 हजार अध्यापक और पढ़ने वाले 6 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में होने से बच गया। लेकिन, स्कूल प्रतिनिधियों ने सरकार से बॉन्ड राशि को कम करने की गुहार लगाई है।
अस्थाई व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रतिनिधियों ने दो साल की राहत मिलने पर जयहिंद का सम्मान किया। प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर जयहिन्द उनकी आवाज न बनते तो शायद ही सरकार हमें राहत प्रदान करती। प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों ने आम जन को भी संदेश देते हुए कहा कि वे आमजन की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। जयहिन्द ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि मंडल से निजी स्कूलों के हित के लिए जो वादा किया है उस पर खरे उतरे। ऐसा न हो कि उनका यह वादा सिर्फ कागजो तक ही सीमित न रह जाए।
रोहतक की नेहरू कॉलोनी निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग सुभाष चन्द्र और उनकी 70 वर्षीय बुजुर्ग पत्नी रामरती अपने समस्या को लेकर जयहिन्द के पास पहुंचे। बुजुर्गो ने रोते हुए अपनी समस्या बताई कि उनकी फैमिली आईडी में ढाई से पांच लाख आय दिखाकर उनका राशन कार्ड काट दिया है। वे पिछले तीन महीने से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, रोहतक सांसद अरविंद शर्मा, विधायक बीबी बत्रा, पूर्व विधायक मनीष ग्रोवर, एडीसी, एमसी व नगर निगम के काफी चक्कर लगा चुके है। लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नही हुई।