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अमृतपाल सिंह उत्तराखंड में हो गया दाखिल! इस जिले में जारी हुआ हाईअलर्ट, UP बॉर्डर पर पुलिस सतर्क

नई दिल्ली : खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के तलाश में पुलिस रात-दिन करने में जुटी हुई है। लेकिन, हैरानी की बात है कि इतने दिनों बाद भी कई राज्यों की पुलिस भगोड़े अमृतपाल को पुकड़ने में सफल नहीं हो पाई है। पंजाब से लेकर यूपी तक अमृतपाल की फरार अमृतपाल को पकड़ने के लिए पुलिस टीम काम कर रही है।

सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस संभावित इलाकों में अमृतपाल को ढूंढ़ने के लिए छापेमारी की कार्रवाई भी की जा रह है। इसी के बीच, खूफिया इनपुट के मानें तो भगोड़ा अमृतपाल बॉर्डर क्रॉस कर उत्तराखंड आ सकता है। उत्तराखंड से लगती अंतरराशष्ट्रीय सीमा से होते हुए अमृतपाल नेपाल भाग सकता है। पुलिस को मिले टिप-ऑफ के आधार पर उत्तराखड में हाइ अलर्ट जारी किया गया है। पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) से मिले इनपुट के बाद भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। देर शाम को एजेंसियों द्वारा जारी अलर्ट के बाद से सीमा पर सघन चेकिंग की जा रही है।

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के नेपाल जाने की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक,एजेंसियों से मिली सूचना के अनुसार 36 घंटे के अंदर अमृतपाल यूपी से होता हुआ नेपाल भागने की फिराक में है। जिले की पुलिस द्वारा हाई अलर्ट जारी करने के साथ बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। झनकईया थाना प्रभारी रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि बुधवार से ही नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी के साथ मिलकर कॉम्बिंग की जा रही है। गांव-गांव अमृतपाल और उसके साथियों के पोस्टर चस्पा किए गए हैं। धार्मिक स्थलों में ठहरने वालों के बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।

भगोड़े अमृतपाल के नेपाल भागने के खूफिया विभाग के इनपुट को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। नेपाल जाने वाले यात्रियों की सघन चेकिंग की जा रही है। लागों के आईडी चेक करने के बाद ही बॉर्डर पार करने की अनुमति दी जा रही है।

यूपी में पीलीभीत जिले के जत्थेदार के नाम पर ही यह कार रजिस्टर्ड है। इस कार के रजिस्ट्रेशन के लिए स्थानीय पते में सितारगंज निवासी एक व्यक्ति का पता इस्तेमाल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यूएसनगर व यूपी पुलिस की संयुक्त जांच में यह बात सामने आयी है कि इस कार के साथ यूपी के ही एक सेवादार 23 मार्च से लापता हैं।

यूपी का सीमावर्ती क्षेत्र यूएस नगर जिले से जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड में रोड टैक्स यूपी की अपेक्षा कम होने के चलते सीमावर्ती जिले के लोग वाहन का रजिस्ट्रेशन अक्सर उत्तराखंड से करा लेते हैं। इसके लिए स्थानीय पते की जरूरत होती है। लोकल में भी अधिकांश लोगों की रिश्तेदारियां हैं। ऐसे में स्थानीय पता लिखने में भी आसानी हो जाती है।

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