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दो सप्ताह में छह फीसदी बढ़ गई चीनी की कीमत, गन्ना किसानों को समय पर भुगतान में मिलेगी मदद

मुंबई : गन्ने का उत्पादन कम होने से पिछले दो हफ्ते में चीनी के दाम छह फीसदी तक बढ़ गए हैं। थोक ग्राहकों की लगातार मांग से आगे भी इनकी कीमतों में और तेजी का अनुमान है। इससे गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी की कीमतों में तेजी से इस क्षेत्र की कंपनियों का लाभ सुधर सकता है। इनमें धामपुर, रेणुका सुगर, बलरामपुर चीनी, डालमिया भारत और द्वारिकेश जैसी कंपनियां हैं। इससे ये कंपनियां समय पर किसानों का बकाया भुगतान कर सकेंगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के चीनी उत्पादन अनुमान में कटौती की गई है। 30 सितंबर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष 2022-23 में यह राज्य 1.05 करोड़ टन चीनी उत्पादन कर सकता है। पहले अनुमान 1.37 करोड़ टन का था।

ट्रेडर्स और मिल मालिकों ने सरकार से अपील की है कि अरहर दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाया जाए, ताकि किसान इसका ज्यादा-से-ज्यादा उत्पादन कर सकें। इस साल अरहर दाल के उत्पादन में गिरावट आई है। दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि पिछले महीने अरहर और उड़द दाल की कीमतों में 8-10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। उसके बाद इसकी कीमतों में गिरावट आई है। अरहर दाल का एमएसपी मूंग दाल से भी कम है।

केंद्र ने राज्य सरकारों को उपभोक्ता उत्पादों पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) प्रमाणीकरण लागू करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि राज्य सरकारें उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए डिजिटल तकनीक के उपयोग पर जोर दें।  उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को कहा, इससे उपभोक्ता अदालतों में लंबित मामलों की संख्या घटेगी। वहीं, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने उपभोक्ताओं से भ्रामक विज्ञापनों से सावधान रहने की अपील की।

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