उत्तर प्रदेशराष्ट्रीय

सहगल सहित कई साहित्यकारों ने वापस लिए पुरस्कार

1-1450421119दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ उत्तर प्रदेश के दादरी में हुई घटना के बाद देश में असहिष्णुता बढ़ जाने का हवाला देकर अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाली साहित्यकार नयनतारा सहगल इसे वापस लेने के लिए तैयार हो गई हैं। 
 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सहगल के साथ ही राजस्थानी लेखक नंद भारद्वाज और साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने वाले अन्य कई साहित्यकारों ने भी पुरस्कार वापस लेने की घोषणा की है। हालांकि इन दोनों के आलावा और किन-किन साहित्कारों ने पुरस्कार वापस लिया है इसकी पुष्टि होनी बाकी है।
 
गौरतलब है कि दादरी घटना, एम.एम कलबुर्गी की हत्या सहित अन्य कई लेखकों पर हमले के बाद 40 साहित्यकारों ने देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर पहरा होने और असहिष्णुता बढने की बात कहकर विरोध स्वरुप अपने साहित्य अकादमी पुरसकार लौटा दिए थे।
 
उदय प्रकाश और नयनतारा सहगल उन शुरुआती सहित्यकारों में थे, जिन्होंने पत्र लिखकर दादरी, कलबुर्गी समेत अन्य सभी हत्‍याओं पर विरोध जताया था। बाद में पुरस्कार वापसी मुहिम में फिल्मकार और पेंटर भी शामिल हो गए थे। 
 
साहित्य अकादमी के पत्र ने बदला विचार
नयनतारा सहगल के मुताबिक उन्हें साहित्य अकादमी की तरफ से एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें लिखा था कि अकादमी में पुरस्कार वापसी का कोई नियम नहीं है अत: अकादमी साहित्यकारों द्वारा लौटाए गए पुरस्कार अपने पास नहीं रख सकती। इस कारण अकादमी साहित्यकारों को पुरस्कार वापस भेज रही है।
 
हालांकि मोदी सरकार ने साहित्यकारों के इस विरोध को प्रायोजित बताया था। केंद्र के मंत्रियों और भाजपा के नेताओं ने कहा कि बिहार चुनाव में ‌विपक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए पुरस्‍कार वापसी की मुहिम चलाई जा रही है। उनका कहना था कि पुरस्कार वापसी मुहिम में शामिल लेखक एवं कलाकार पीएम मोदी के विरोधी हैं।
 
नंद भारद्वाज ने भी पुरस्कार वापस लिया
राजस्थानी लेखक नंद भारद्वाज ने कहा कि साहित्य अकादमी की ओर से पुरस्कार वापसी के संबंध में दिया गया तर्क संतोषजनक है। इसलिए उन्होंने भी अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लेने का निर्णय लिया है। 
 
अशोक वाजपेयी अकादमी के तर्क से संतुष्ट नहीं
हालांकि, पुरस्कार वापसी अभियान का प्रमुख चेहरा रहे साहित्यकार अशोक वाजपेयी अब भी अपने पुराने रुख पर कायम हैं। उन्होंने ने भी साहित्य अकादमी की तरफ से पत्र मिलने की बात कही है, लेकिन उनके अनुसार पुरस्कार वापस लेने के लिए अकादमी का तर्क पर्याप्त नहीं है।
 
सभी 40 लोगों को अकादमी ने भेजा पत्र
इस संबंध में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि पुरस्कार लौटाने वाले सभी 40 साहित्यकारों को अकादमी की तरफ से पत्र भेजा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य साहित्यकार भी पत्र का जवाब जरूर देंगे और अपने पुरस्कार वापस लेने के लिए राजी हो जाएंगे।

Related Articles

Back to top button