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भारतीय स्टार्टअप समूह ने अमेरिकी कंपनी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई याचिका

नई दिल्ली : भारतीय स्टार्टअप के एक समूह ने गूगल की नई इन-एप बिलिंग शुल्क प्रणाली पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) ने याचिका में कहा कि गूगल की इस प्रणाली पर तब तक रोक लगाई जाए, जब तक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) अपने निर्देशों के कथित गैर-अनुपालन के लिए अमेरिकी कंपनी की जांच नहीं कर लेता।

घरेलू स्टार्टअप ने याचिका में कहा है कि सीसीआई के अक्तूबर, 2022 के आदेश के बावजूद गूगल उच्च सेवा शुल्क वसूल रही है। उस आदेश में गूगल को इन-एप भुगतान के लिए थर्ड-पार्टी बिलिंग सेवाओं के इस्तेमाल की अनुमति देने का निर्देश दिया गया था।

एडीआईएफ ने 10 अप्रैल को दायर 744 पेज की याचिका में अपील की कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अभी तक शिकायतों पर सुनवाई नहीं की है, जबकि गूगल की कथित यूजर च्वाइस बिलिंग सिस्टम (UCB) को लागू करने की 26 अप्रैल की तिथि नजदीक आ रही है। इसलिए सुनवाई पूरी नहीं होने तक यूसीबी पर रोक लगाई जाए। कोर्ट इस सप्ताह के अंत में याचिका पर सुनवाई कर सकता है। इस मामले में सीसीआई ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। गूगल ने भी टिप्पणी से इन्कार कर दिया।

भारतीय स्टार्टअप का कहना है कि गूगल की यूसीबी प्रणाली अब भी एप डेवलपर्स से 11-26 फीसदी तक सेवा शुल्क वसूल रही है। अमेरिकी कंपनी ने हाल ही में एप डेवलपर्स के लिए अपनी बिलिंग जरूरतों में बदलाव किया है। इसमें यह उल्लेख किया गया है कि अगर कोई उपयोगकर्ता वैकल्पिक बिलिंग प्रणाली के जरिये भुगतान करता है तो गूगल प्ले सेवा शुल्क 4 फीसदी कम हो जाएगा।

गूगल ने किसी भी गलत कार्य से इन्कार करते हुए सीसीआई के आदेश को चुनौती दी है। साथ ही कहा, नई सेवा शुल्क प्रणाली गूगल प्ले एप स्टोर और एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में निवेश का समर्थन करती है।

एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धा को बाधित करने के आरोप में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अक्तूबर, 2022 में गूगल पर 11.2 करोड़ डॉलर (919.34 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था।

साथ ही सीसीआई ने कहा था कि वह अपने वर्चस्व का गलत इस्तेमाल कर डेवलपर्स को इन-एप भुगतान प्रणाली के इस्तेमाल के लिए मजबूर करना बंद करे। आयोग ने गूगल से प्ले स्टोर नीति में भी सुधार करने को कहा था।

पहले भी सीसीआई ने गूगल पर 1,337.76 करोड़ जुर्माना लगाया था। इसे कंपनी ने चुनौती दी थी। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने सीसीआई के निर्णय में कुछ सुधार करते हुए गूगल को 30 दिनों में जुर्माना चुकाने का आदेश दिया था।

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