नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रहीं हैं। दिल्ली के सीएम केजरीवाल की पार्टी को बीते दिनों राष्ट्रीय दल का दर्जा मिला है। यह दर्जा मिलने के बाद केजरीवाल गदगद थे। केजरीवाल इस साल होने जा रहे कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकने का प्लान बना रहे हैं। वहीं केजरीवाल की नजर साल 2024 के लोकसभा चुनाव पर भी है। ऐसे में शुक्रवार को सीबीआई (CBI) ने केजरीवाल को तलब कर लिया है। शराब नीति मामले को लेकर सीबीआई ने अब केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है।
सीबीआई ने दावा किया कि केजरीवाल के खिलाफ सबूत जुटाने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अब सीएम केजरीवाल को 16 अप्रैल के दिन सुबह 11 बजे सीबीआई मुख्यालय जाना होगा। सीबीआई के समन को AAP ने एक साजिश बताया है। सीबीआई के बुलावे के बाद AAP के सामने अब संकट का पहाड़ खड़ा हो गया है। लेकिन AAP को इससे एक बड़ा फायदा भी मिल सकता है।
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल खुद को एक कट्टर ईमानदार नेता कहते हैं। वहीं AAP को भी अक्सर कई मंचों से केजरीवाल और पार्टी के दूसरे नेता कट्टर ईमानदार पार्टी कहा करते हैं। केजरीवाल की पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए एक आंदोलन के बाद हुआ था। ऐसे में कथित शराब घोटाले केस में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद केजरीवाल और उनकी पूरी पार्टी की छवि पर बुरा असर पड़ सकता है।
सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया था। सिसोदिया की गिरफ्तारी आबकारी नीति मामले में ही हुई है। सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया का सरकार और संगठन में अच्छा-खासा पकड़ है। ऐसे में सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद AAP को बड़ा झटका लगा था। सिसोदिया दिल्ली सरकार के कई मंत्रालय का काम संभालते थे, उनकी गैरमौजूदगी में कहीं न कहीं पार्टी के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। ऐसे में अब सीएम केजरीवाल को भी सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। AAP को यह डर है कि बार-बार अगर केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया गया या उन्हें गिरफ्तार किया गया तो पार्टी का काम काफी प्रभावित हो जाएगा। AAP नेता संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह कार्रवाई केजरीवाल को अरेस्ट करने के लिए की जा रही एक साजिश है।
इस साल होने जा रहे कई विधानसभा चुनावों में केजरीवाल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। केजरीवाल इस बीच कई राज्यों के विपक्षी नेताओं से भेंट-मुलाकात भी कर रहे हैं। ऐसे में कई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केजरीवाल दिल्ली मॉडल का जिक्र जरूर करते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दिल्ली मॉडल का हवाला देकर ही केजरीवाल की पार्टी ने पंजाब में सरकार बनाई। भाजपा ने गुजरात मॉडल का जिक्र कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम फेस घोषित किया था। ऐसे में केजरीवाल की पार्टी भी दिल्ली मॉडल के बहाने अरविंद केजरीवाल को पीएम फेस के तौर पर प्रेजेंट करना चाहती है। ऐसे में सीबीआई का यह बुलावा दिल्ली मॉडल पर अटैक करता हुआ नजर आ रहा है। कई दल इस बुलावे के बहाने केजरीवाल की पार्टी पर निशाना साध सकते हैं।
आम आदमी पार्टी ने बहुत कम समय में ही राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल कर लिया। इसके साथ-साथ AAP ने दिल्ली और पंजाब में सरकार भी बना ली। AAP के कई नेता और कार्यकर्ता यह अक्सर कहते हैं कि पीएम मोदी को सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही हरा सकते हैं। बीते कुछ दिनों से केजरीवाल समेत AAP के कई नेता पीएम मोदी डिग्री केस को लेकर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। ऐसे में कहीं न कहीं AAP यह चाहती है कि अरविंद केजरीवाल को विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा घोषित कर दिया जाए।
सीबीआई के इस बुलावे के बहाने AAP केंद्र सरकार पर निशाना साधेगी। AAP यह बताने की कोशिश कर सकती है कि केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर सिसोदिया और केजरीवाल को परेशान किया जा रहा है। बता दें कि AAP के दूसरे नंबर और तीसरे नंबर के नेता माने जाने वाले मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जेल में बंद हैं। ऐसे में केजरीवाल को भी अब सीबीआई का बुलावा आया है। AAP इससे यह मैसेज देने की कोशिश कर सकती है कि केंद्र सरकार टारगेट करके AAP को परेशान कर रही है। इससे AAP को लोगों का सपोर्ट मिल सकता है। यह सपोर्ट आने वाले चुनाव में मुकाबले को और दिलचस्प बना सकता है।