इलाहाबाद :माफिया व राजेनता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस हिरासत में हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जाने-माने वकील विशाल तिवारी ने इस हत्याकांड की जांच को लेकर SC में याचिका दायर की है। उन्होंने पूर्व एससी जस्टिस की अध्यक्षता में स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन करने की मांग की है। याचिका में यूपी के विशेष डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) की ओर से बताए गए 2017 के बाद हुए 183 एनकाउंटर की भी जांच की मांग की गई है।
मालूम हो कि राज्य सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी (द्वितीय) की अगुवाई में न्यायिक आयोग गठित किया है। इस बीच, पूर्व सांसद अतीक अहमद और अशरफ के शवों को रविवार रात स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया गया। हत्याकांड मामले में दर्ज रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया कि तीनों हमलावरों ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर राज्य में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। बहरहाल, तीनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ को शनिवार देर रात पुलिस की ओर से मेडिकल जांच कराकर वापस लाया जा रहा था। इसी वक्त तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। इस सनसनीखेज वारदात के बाद पूरे राज्य में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए रविवार को एक न्यायिक आयोग गठित कर दिया गया। यह आयोग 2 महीने के अंदर पूरे प्रकरण की जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगा। राज्य के सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुरेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी इस आयोग के दो अन्य सदस्य होंगे।
बता दें कि अतीक-अशरफ हत्याकांड के आरोपी हमीरपुर जिले के निवासी मोहित उर्फ सनी पर लूट और हत्या के प्रयास समेत कुल 14 मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार बांदा निवासी आरोपी लवलेश तिवारी कई बार जेल जा चुका है। उसका व तीसरे हत्यारोपी कासगंज निवासी अरुण मौर्य का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। इस बीच, तीनों आरोपियों को रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आरोपियों ने पुलिस से कहा, ‘जब से हमें अतीक व अशरफ को पुलिस हिरासत में भेजे जाने की सूचना मिली थी, हम तभी से मीडियाकर्मी बनकर यहां की स्थानीय मीडिया की भीड़ में रहकर इन दोनों को मारने की फिराक में थे, लेकिन सही समय और मौका नहीं मिल पाया। शनिवार को मौका मिलने पर हमने घटना को अंजाम दिया।’