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पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को नालंदा जिले के राजगीर के पहाड़ी क्षेत्र में हुई आग लगने की घटना का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद वैभारगिरि पर्वत के कुछ हिस्सों में पिछले दिनों हुई आग लगने की घटना को लेकर समीक्षा बैठक की।
बैठक में नीतीश ने साफ शब्दों में कहा कि आयुर्वेदिक दवाइयों एवं जड़ी बूटियों के लिए काफी प्रसिद्ध इस पर्वत पर आग लगने की घटना कभी नहीं सुनी थी। आग लगने की यह घटना दुखद है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो इसका पूरा ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि राजगीर देश ही नहीं दुनिया का पौराणिक स्थल है। यहां विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं। इस प्रकार की घटना से सबकुछ बर्बाद हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आग लगने के कारणों की वास्तविकता का पता लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि पर्वत के ऊपर विभिन्न धर्मो का मंदिर है और कई तरह के लोग भी रहते हैं। उन्होंने आग से हुई क्षति को ठीक कराने की दिशा में यथाशीघ्र कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष पुन: यहां मलमास मेला लगने वाला है और यह मान्यता है कि उस दौरान 33 करोड़ देवी-देवता यहां वास करते हैं। प्रत्येक तीन वर्ष पर मलमास मेला यहां लगता है। उसके लिए भी सरकार की तरफ से पूरा इंतजाम किया जाता है।
कोविड 19 के कारण वर्ष 2020 में मेले का आयोजन नहीं हो सका था, इसलिए इस बार मलमास मेले में ज्यादा लोगों के आने की संभावना है । मलमास मेले में आनेवाले लोगों की वैकल्पिक व्यवस्था पहले सुनिश्चित करें उसके बाद इसके लिए स्थायी व्यवस्था को ध्यान में रखकर निर्णय लें। बैठक में नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने वैभारगिरि पर्वत के अलग-अलग हिस्सों में हुई अगलगी की घटनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।