नई दिल्ली : आमतौर पर खर्राटों को गहरी नींद का प्रतीक माना जाता है। आपने कई दफा सुना होगा कि खर्राटे लेने वाला व्यक्ति अच्छी नींद सो रहा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं, खर्राटों वाली नींद अच्छी नींद नहीं होती है, ये गंभीर समस्या के संकेत होते हैं। खर्राटे लेने वाले व्यक्ति को खुद पता नहीं होता है कि वे खर्राटे मारते हैं। जिन लोगों को खर्राटे की समस्या होती है, उन्हें जागने के बाद सूखा मुंह और गले में जलन का अहसास होता है। खर्राटे लेना आपके सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, खर्राटे सांस लेने की स्थिति में रुकावट डालते हैं, जो अक्सर नाक और गले में देखने को मिलती है। मोटापा, ज्यादा सिगरेट और शराब का सेवन, अनिद्रा या नाक में एलर्जी आदि के कारण खर्राटे ले सकते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार, अगर आप दिन भर आलस या थकान महसूस करते हैं, तो ये भी खर्राटे के लक्षण हो सकते हैं। तनाव, ज्यादा नींद आना, सिर दर्द आदि खर्राटे के लक्षण हो सकते हैं।
हर रात जितना जोर से और लंबे समय तक आप खर्राटे लेते हैं, उतना ही स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। खर्राटे धमनी के क्षतिग्रस्त होने का एक संकेत हो सकते हैं। ऐसे में आपको सही समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
आंकड़े बताते हैं कि स्लीप एपनिया वाले लोगों में दिल रोग की परेशानी और दिल के दौरे दोनों की संभावना दोगुनी होती है। स्लीप एपनिया आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे नींद की कमी से लेकर गंभीर डिप्रेशन तक की समस्या हो सकती है।
डायबिटीज और स्लीप एप्निया के संबंध पर येल यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, वे लोग जो बहुत तेज और रोजाना खर्राटे लेते हैं, उन्हें डायबिटीज होने की 50% ज्यादा संभावना का सामना करना पड़ता है, उन लोगों की तुलना में जो खर्राटे नहीं लेते हैं। इसके अलावा स्लीप एप्निया टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम से जुड़ा हुआ है।