देहरादूनः उत्तराखंड में सत्तारूढ़ पुष्कर सिंह धामी सरकार का अवैध मजारों के खिलाफ लगातार बुलडोजर गरज रहा है। मंगलवार को कई अवैध मजारों को ध्वस्त किया गया। वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर ये मजारें बनाई गई थीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले एक महीने से सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी मजारों को हटाने का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद अब वन विभाग ने अवैध मजारों को तोड़कर उनका मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक अब तक 300 अवैध मजारों की पूरी तरह से सफाई की जा चुकी है। खास बात यह है कि इनमें कोई इंसान या अन्य अवशेष नहीं मिले हैं।
विकासनगर तहसील के छरबा स्थित के जोहड़ की भूमि पर बनाई गई एक मजार पर आखिरकार धामी सरकार की जेसीबी चल ही गई। तहसील प्रशासन के साथ पुलिस बल की मौजूदगी में उक्त अवैध मजार को जेसीबी की मदद से पूरी तरह से ध्वस्त कर ग्राम समाज की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा दिया है।उपजिलाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश पर सरकारी भूमि पर बने अवैध अतिक्रमण को हटाने की मुहिम चलाई जा रही है। जिसकी शुरुआत आज तहसील विकासनगर के ग्राम सभा छरबा से की गई , वहीं उन्होंने कहा कि तहसील विकासनगर में 25 अवैध मजारे बनी हुई हैं, जिनको चिन्हित किया गया है जिसमें से राजस्व विभाग और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में 2 मजारो को ध्वस्त किया गया।
वहीं, पौड़ी जिले में कोटद्वार प्रशासन की टीम ने वन विभाग और पुलिस बल की मौजूदगी में उक्त अवैध मजार को जेसीबी की मदद से पूरी तरह से ध्वस्त कर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा दिया है। उपजिलाधिकारी कोटद्वार प्रमोद कुमार ने बताया कि उक्त मजार पर कुछ दिन पहले एक सार्वजनिक नोटिस चस्पा किया गया था, जिसमें मजार के वारिसान को सामने आने की बात कही गई थी, लेकिन कोई भी वारिसान तथा दावेदार सामने नहीं आया। जिसके बाद प्रशासन की टीम ने वन भूमि पर बनी उक्त मजार को अवैध मानते हुए पूर्ण रूप से ध्वस्त कर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा दिया है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर विशेष समुदाय द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र में मजारों को बनाकर वन भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। जिसे लैंड जेहाद माना गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में कहा था कि देवभूमि उत्तराखंड में लैंड जेहाद नही होने दिया जाएगा। देवभूमि के सनातन स्वरूप को बनाए रखना हमारा पहला दायित्व है। हम तुष्टीकरण नहीं कर रहे, हम सरकारी जमीनों से अवैध निर्माण हटा रहे हैं।