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नोएडा विधायक पंकज सिंह ने दूसरे जनपद में रचा इतिहास, मेरठ मेयर सीट को सपा से छीनकर भाजपा के खाते में डाला

नोएडा: नोएडा विधायक, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह ने नगर निकाय चुनाव में मेयर की एक ऐसी सीट को छीनकर भारतीय जनता पार्टी के खाते में डाला है, जिस पर बीएसपी और समाजवादी पार्टी का कब्जा था। पंकज सिंह ने मेरठ मेयर सीट को समाजवादी पार्टी से छीनकर भाजपा के खाते में डाल दी है। मेरठ में मौजूदा मेयर सपा की थीं। उनकी इस कुशल रणनीति की चहुंओर सराहना हो रही है। गौर हो कि ठीक इसी तरह पंकज सिंह ने गत नगर निकाय चुनाव के दौरान बरेली में भाजपा को कामयाबी दिलाई थी।

लोकसभा और विधानसभा में जीत का परचम फहराने वाली भाजपा ने यूपी नगर निकाय चुनाव में भी अपना जलवा कायम रखा है। 17 नगर निगमों में भाजपा ने फगवा फहरा दिया है।सबसे पहले झांसी नगर निगम का रिजल्ट घोषित हुआ था, इसके बाद एक के बाद एक परिणाम आने शुरू हो गए। भाजपा ने लखनऊ, गोरखपुर, मथुरा-वृंदावन, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या, शाहजहांपुर, अलीगढ़, आगरा, कानपुर और फिरोजाबाद में भी भाजपा ने कमल खिलाया है।

पार्टी के लिए मेरठ नगर निगम बेहद महत्वपूर्ण था। दरअसल, यहां समाजवादी पार्टी का कब्जा था। हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा मेरठ की मेयर थीं। हालांकि, उन्होंने चुनाव बीएसपी के टिकट पर लड़ा और जीता था। बाद में वह अपने पति के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गयी थीं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया को चुनाव मैदान में उतारा। उनके सामने समाजवादी पार्टी ने सरधना के विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट दिया।

भाजपा प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया ने ओबैसी की पार्टी के उम्मीदवार अनस को 107406 वोटों से हराया है। भाजपा प्रत्याशी को जहां 235953 वोट मिले हैं तो वहीं अनस को 128547 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। एआईएमएआईएम ने अखिलेश को मेरठ में बड़ा झटका दिया है। मेरठ में ओबैसी की पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। समाजवादी पार्टी प्रत्याशी सीमा प्रधान को 1,15,964 वोट मिले हैं। बसपा उम्मीदवार हसमत को 54076 वोट हासिल हुए हैं। मेरठ में भारतीय जनता पार्टी के लिए यह मुकाबला आसान नहीं था। पंकज सिंह की रणनीति कारगर साबित हुई।

मेरठ में भाजपा ने महापौर सीट जीतकर एक और मिथक तोड़ दिया है। अभी तक रिकार्ड था कि आज तक मेरठ में उस पार्टी का प्रत्याशी कभी मेयर नहीं बना जिसकी प्रदेश में सरकार रहती है। पिछली बार वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में भाजपा की कांता कर्दम बसपा प्रत्याशी सुनीता वर्मा से हार गई थी। 2017 में यूपी में भाजपा की सरकार थी।

गौरतलब है कि ठीक इसी तरह पंकज सिंह ने पिछले नगर निकाय चुनाव के दौरान बरेली में भाजपा को कामयाबी दिलाई थी। वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में पंकज सिंह को बरेली नगर निगम का चुनाव प्रभारी बनाकर भेजा गया था। उस वक्त बरेली नगर निगम पर भी सपा का कब्जा था और आईएस तोमर वहां के मेयर थे। भाजपा ने उमेश गौतम को मैदान में उतारा था। पंकज सिंह ने बरेली में भी शानदार ढंग से चुनाव संभाला और भाजपा को कामयाबी दिलाई थी। उमेश गौतम बड़े अंतर से जीतकर मेयर बने थे।

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