भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव (assembly elections) होने वाले हैं। उससे पहले कर्नाटक चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को सतर्क कर दिया है. रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कुशवाहा और जाट समाज (Kushwaha and Jat society) को साधने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं और भगवान राम के बेटे लव और कुश का मंदिर (Temple of Luv and Kush, sons of Lord Rama) बनवाने का वादा किया है। शिवराज ने कहा कि लव और कुश मंदिर निर्माण 5 करोड़ रुपये से किया जाएगा। सीएम सागर शहर में कुशवाहा समुदाय के महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में कुशवाहा समाज के लिये धर्मशाला बनेगी. कुशवाहा भगवान राम की परंपराओं से आए हैं. सरकारी स्कूलों से शिक्षित छात्र जो चिकित्सा करना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार की तरफ से संचालित मेडिकल कॉलेजों में पांच प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. मप्र में कुशवाहा समाज कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा और बोर्ड के अध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा मिलेगा। कहा जाता है कि राजा चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक दोनों कुशवाहा समुदाय में पैदा हुए थे, जो परंपरागत रूप से कृषि में लगे हुए थे।
‘जाट समाज देशभक्त, भगवान शिव के बालों से हुई उत्पत्ति’
इससे पहले भोपाल में मुख्यमंत्री ने जाट महाकुंभ में तेजाजी बोर्ड के गठन की घोषणा की. जाटों ने मप्र की 230 में से 10 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा पेश किया है. सीएम ने वीर तेजाजी महाराज के ज्ञान दिवस पर वैकल्पिक अवकाश घोषित किया। चौहान ने कहा कि जाट एक देशभक्त समुदाय है और याद किया जाए कि 1977 में आपातकाल के दौरान उन्होंने किस तरह मदद की थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जाट समुदाय की उत्पत्ति भगवान शिव के बालों से हुई है। जाटों के गौरवशाली इतिहास को स्कूलों में पढ़ाया जाएगा। जाट समुदाय द्वारा 10 सीटें मांगे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा- केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा।
‘मैं घोषणा नहीं, कार्रवाई में विश्वास करता हूं’
पूर्व सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी देश के विभिन्न हिस्सों से आए जाटों की सभा को संबोधित किया। कमलनाथ ने कहा- आप सभी ने अपनी मांगें रखी हैं. मैंने उन्हें सुना. कमलनाथ घोषणा करने वाली मशीन नहीं हैं. मैं घोषणा नहीं करता. मैं कार्रवाई में विश्वास करता हूं. आपकी अगली सभा में, मैं अपने काम का हिसाब दूंगा. मैं जवाबदेही से नहीं भागता. उन्होंने कहा- जाट एक बहादुर समुदाय है।
‘MP में इस साल होने हैं चुनाव’
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 2018 के चुनावों में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. बीजेपी ने 109 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में एक गठबंधन सरकार बनाई, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई विधायकों के पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद सरकार गिर गई, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई. अब 2023 में एक बार फिर चुनाव की तैयारी है।