बेंगलुरु। कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने की रेस में शामिल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने सोमवार को अचानक अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया। पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिवकुमार और मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदार सिद्दारमैया को बैठक के लिए राष्ट्रीय राजधानी में बुलाया था। शिवकुमार, जिन्होंने पहले घोषणा की थी कि वह अपने आध्यात्मिक गुरु से मिलने के बाद नई दिल्ली की उड़ान पकड़ेंगे, ने बाद में कहा कि उनके पेट में दर्द हो रहा है और एक डॉक्टर उनका इलाज करने आ रहे हैं।
उन्होंने सिद्धारमैया को शुभकामनाएं दीं। शिवकुमार ने दर्द भरे शब्दों में कहा, मैं नई दिल्ली नहीं जा रहा हूं। जैसा कि मैंने कसम खाई थी, मैंने कांग्रेस के लिए 135 सीटें लाई हैं। मैंने अपना काम कर दिया है। मैं किसी भी विधायक को नई दिल्ली नहीं ले जाऊंगा। मेरे पास किसी भी विधायक का समर्थन नहीं है। स्पष्ट रूप से पार्टी आलाकमान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मुझे विशेष पूजा करनी है। मैंने अपने कर्तव्यों को पूरा किया है। लोग मुझे ‘बंडे’ (पत्थर) कहते हैं। आप इसे कोई भी आकार दे सकते हैं। इसे मसलकर धूल बना दीजिए या इससे स्तंभ बना लीजिए।
उन्होंने कहा, मेरे पास धैर्य है। समय की समझ और लड़ने की भावना। मैं नंबर के बारे में नहीं बोलूंगा। कांग्रेस का नंबर मेरा नंबर है। शिवकुमार ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि वह पार्टी के अच्छे और बुरे समय में उसके साथ खड़े थे और यहां तक कि जब पार्टी के कई विधायकों ने पार्टी को धोखा दिया था, तब भी उन्होंने कड़ी मेहनत की और पार्टी को फिर से खड़ा किया।
कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार शीर्ष पद के लिए सिद्दारमैया के नाम पर विचार किए जाने से नाराज थे। इस बीच कांग्रेस नेता और कर्नाटक से राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन ने बेंगलुरु में मीडियाकर्मियों से कहा कि शिवकुमार को चिंतित और परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि केवल पर्यवेक्षक ही जानते हैं कि दोनों नेताओं में से किसी ज्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कर्नाटक में शानदार जीत के बाद सिद्दारमैया और शिवकुमार के बीच की लड़ाई ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में बेचैनी की स्थिति पैदा कर दी है।