नई दिल्ली : नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया यानी NITI आयोग की शनिवार, 27 मई को बैठक होने जा रही है, जिसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। अब खबर है कि निति की यह बैठक विपक्षी एकता की रणनीति के लिए बड़ा मंच भी साबित हो सकती है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेता लगातार अपने समकक्षों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
नीति आयोग की बैठक के दौरान विपक्षी एकता के पक्षदर नेता भी अहम चर्चा कर सकते हैं। इनमें कांग्रेस आलाकमान के साथ कई मुख्यमंत्रियों की मुलाकात भी शामिल है। एक वाम नेता का कहना है, ‘हम सिद्धारमैया सरकार के शपथ ग्रहण का इंतजार कर रहे थे। आने वाले कुछ दिनों में हम विपक्षी दलों के साथ एजेंडा और कार्यक्रम पर चर्चा करेंगे।’
रविवार को ही सीएम कुमार ने दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। खबर है कि मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी और केजरीवाल के बीच भी बैठक हो सकती है। एक कांग्रेस नेता का कहना है, ‘तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, सीएम नीतीश कुमार और समान विचारधारा वाले मुख्यमंत्रियों के दिल्ली में रहने के दौरान चर्चा की योजना है।’
एक ओर जहां कांग्रेस साझा मुद्दों को लेकर नेतृत्व की जगह तलाश रही है। वहीं, सीएम बनर्जी गैर कांग्रेस विपक्षी मोर्चा बनाने की कोशिश कर सकती हैं। विपक्षी एकता में कांग्रेस के साथ उनकी हां और न की स्थिति लगाता बनी हुई है। हालांकि, सड़क पर एक दूसरे के खिलाफ नजर आ रहे भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस भी विपक्षी दलों की बैठक की बात कह रहे हैं।
आंध्र प्रदेश सीएम जगन मोहन रेड्डी, तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव, केरल सीएम पिनराई विजयन, तमिलनाडु सीएम स्टालिन बैठक में शामिल हो सकते हैं। नीति आयोग की बैठक में कृषि, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य समेत कई मुद्दों पर बड़ी चर्चा होने के आसार हैं।