अमित शाह के बड़े ऐलान- इलेक्ट्रॉनिक जनगणना की तैयारी, सभी भर सकेंगे डेटा
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार जन्म और मृत्यु से जुड़े आंकड़ों को मतदाता सूची और समग्र विकास प्रक्रिया से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है। शाह ने नई दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को डेटा भरने का अधिकार होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कई वर्षों तक हमारे देश का विकास मांग आधारित और टुकड़ों में होता रहा। इतने बड़े भौगोलिक विविधता वाले देश में अगर सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक विकास करना है तो ये बहुत जरूरी है कि विकास की प्लानिंग डेटा के आधार पर हो और डेटा के लिए हमारे पास जनगणना के सिवाय और कोई साधन नहीं है। सर्वसमावेशी रूप से विकास का आधार नई जनगणना होगी।
शाह ने कहा कि पहले जनगणना सटीक नहीं थी। जनगणना और विकास की योजना बनाने वाले लोगों के बीच कोई कड़ी नहीं थी। मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को डेटा भरने का अधिकार होगा। उसका सत्यापन और ऑडिट होगा। इसमें सामाजिक-आर्थिक स्थिति के 35 से अधिक पैरामीटर को शामिल किया गया है। पहले की जनगणनाओं में विकास के लिए जो डेटा उपलब्ध होना चाहिए, वो नहीं था और ना ही उसके विश्लेषण की व्यवस्था थी।
शाह ने कहा कि आजादी के लगभग 70 साल के बाद योजना बनी कि हर गांव में बिजली पहुंचनी चाहिए। हर व्यक्ति को नल से पीने का पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और हर घर में शौचालय बन जाए। ये आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, क्योंकि इनके लिए आवश्यक बजट उपलब्धता किसी को नहीं पता थी।
अमित शाह ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए वेबपोर्टल, जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन और जनगणना प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री के वेबपोर्टल का भी शुभारंभ किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने जनगणना संग्रह (1981 से आगामी जनगणना) का भी विमोचन किया।
अमित शाह ने कहा कि जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किसी भी देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ये दो जनगणनाओं के बीच विकास की योजना बनाने में मदद देता है। आज 1981 से अभी तक की सभी जनगणनाओं के इतिहास को एक पुस्तक में संकलित करके प्रकाशित किया गया है। जब तक ज़िम्मेदारी तय नहीं होती है तब तक उसका निर्वहन करना मुश्किल होता है। लॉंच हुए जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन निचले स्तर तक के कर्मचारी को रिस्पॉंसिबल बनाएगा।
शाह ने कहा कि जनगणना देश के विकास को रेखांकित करने वाली प्रक्रिया है और इसके लिए ये ज़रूरी है कि जियोफेंसिंग के साथ एसआरएस अपग्रेडेड मोबाइल एप्लीकेशन एक ऐसा अलर्ट सिस्टम बनाए, जिससे जनगणना करने वाले आवंटित क्षेत्र से बाहर ना जा सकें। उन्होंने कहा कि जनगणना का उपयोग, सटीकता, ऑनलाइन उपलब्धता और प्लानिंग और जनगणना के बीच सेतु के अभाव में ये सब पहले नहीं हो सका।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि जैसे ही एक व्यक्ति 18 वर्ष का होता है, चुनाव आयोग उससे सूचना लेकर उसका वोटर कार्ड बना देगा। इसी प्रकार किसी की मृत्यु होने पर जनगणना रजिस्ट्रार से चुनाव आयोग के पास इसकी सूचना जाएगी और फिर प्रक्रियानुसार उसका नाम मतदाता सूची से हटा लिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस प्रकार की जनगणना के प्रयास से जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन और जनगणना कम्प्लीट हो सकेगी, जिससे देश को बहुआयामी फायदे होंगे। उन्होंने कहा कि जनगणना का डेटा विकास की मूल योजना बनाने में और वंचितों, शोषितों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होता है।