चमोलीः उत्तराखंड में आगामी मानसून सत्र की तैयारियों को लेकर चमोली प्रशासन और आपदा प्रबंधन महकमा सतर्क हो गया है और किसी भी अधिकारी को बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं दी गई है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने क्लेक्ट्रेट सभागार में जिला एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में आगामी मानसून सत्र के मद्देनजर निर्देशित करते हुए कहा कि 15 जून से पहले मानसून सीजन की सभी तैयारियां पूरी हो जानी चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान सभी अधिकारी अलर्ट मोड पर रहे। उन्होंने निर्देशित किया कि मॉनसून सीजन में कोई भी अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को भी संबंधित उपजिलाधिकारी (एसडीएम) से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन का फोन अवश्य उठाए। किसी परिस्थिति में फोन रिसीव न कर पाने पर फिर से कॉल करने आवश्यक है। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहे कि कोई भी जनहानि न हो। संवेदनशील स्थलों के आसपास जेसीबी मशीन एवं ऑपरेटर की तैनाती के आदेश जिला अधिकारी ने दिए हैं। यदि परिस्थिति वश कुछ समय के लिए राजमार्ग बाधित हो जाए, तो उसे सुचारू करने के साथ ही वैकल्पिक पैदल मार्गों को भी दुरूस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं ज़िलाधिकारी ने कहा मार्ग अवरूद्व होने पर दोनों ओर फंसे यात्रियों को तत्काल राहत सामग्री पैकेट वितरण करवाया जाए। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को चेताया कि आपदा के कार्यों में किसी भी अधिकारी के स्तर से लापरवाही मिली तो कार्रवाई होगी। मॉनसून सत्र को देखते हुए तहसील और गांवों को उपलब्ध करवाए गए सेटेलाइट फोन दुरस्त रखने और तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम को एक्टिवेट रखते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम, नंबर भी अपडेट रखे जाने के आदेश जिला अधिकारी ने दिए हैं। एसडीएम को अपने क्षेत्र में स्वयं व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने तथा किसी भी क्षेत्र में कभी भी घटना घटित होने पर तत्काल इसकी सूचना कन्ट्रोल रूम व संबंधित विभाग को उपलब्ध करवाना आवश्यक कर दिया गया है।