‘अपने हाथों से उठाई बेटे की लाश’, ओडिशा हादसे में बेटे की मौत पर छलका पिता का दर्द; ट्रैन में थे एक साथ
बालासोर/ नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए ट्रेन दुर्घटना (Odisha Train Accident) में अब तक 288 लोगों के मौतों की पुष्टि हुई है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि सिग्नल में गड़बड़ी की वजह से हादसा हुआ। इस दर्दनाक हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया उनके पास दर्द के अलावा कुछ भी नहीं है। हर पीड़ित अपनों को तलाश में जुटा है। इस बीच, हादसे के पीड़ित एक व्यक्ति ने कहा कि उसने अपने हाथों से बेटे की लाश उठाई।
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित शख्श का नाम लालजी सगई (40 ) है। वे दो दिन पहले अपने दो बेटों के साथ बिहार के मधुबनी स्थित अपने घर से पैसे कमाने के लिए निकले थे। लालजी का एक बेटा गांव में ही था। पैसे कमाने के लिए बेटे के साथ निकले लालजी सगई के लिए 02 जून (शुक्रवार) रात काली रात बनकर आई। शुक्रवार को ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे में सगई के सबसे बड़े बेटे सुंदर की मौत हो गई। पीड़ित लालजी अपने बेटे के साथ में चेन्नई जाने वाली ट्रेन के जनरल कोच में सवार हो गए थे। वहीं, उनका दूसरा बेटा इंदर जो भी ट्रेन में था, वह बाल-बाल बच गया। इस भयानक हादसे में लालजी सगई के साले दिलीप की भी मौत हो गई।
बालासोर के सोरो में हॉस्पिटल के बाहर बेटे के शव के पास खड़े लालजी सगई ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, “हम नौ लोगों का एक ग्रुप था जो चेन्नई जा रहा था। मैं वहां एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करता हूं और डबल ड्यूटी करने के बाद हर महीने लगभग 17,000 रुपये कमाता हूं। हमारे गांव में रोजगार के कोई अवसर नहीं हैं, इसलिए मैंने अपने परिवार के लिए अतिरिक्त कमाई करने के लिए अपने दो बेटों को लाने का फैसला किया, लेकिन किस्मत ने हमारे लिए कुछ और ही सोच रखा था। मुझे इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था।”
‘मैंने अपने हाथों से बेटे के शव को हिलाया’
पीड़ित सगई ने कहा, “मेरे बेटे और साले की दुर्घटना में तुरंत मौत हो गई। मैंने अपने हाथों से अपने बेटे के शव को हिलाया। इसकी (शव) जो भी कीमत होगी, मैं शव को अपने गांव ले जाऊंगा।”
मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 288
बता दें कि ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार रात कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 288 हो गई। देश के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में 800 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं।