देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तरकाशी स्थित काशी विश्वनाथ मन्दिर, शक्ति मंदिर एवं हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली एवं तरक्की की कामना की।
आपको बता दें कि भगवान भोलेनाथ यहां काशी विश्वनाथ के रूप में विराजमान हैं। उत्तरकाशी शहर मां भागीरथी (गंगा) के तट पर स्थित है। इस नगर के बीचों-बीच महादेव का भव्य मंदिर है। ये मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र है। मान्यता है कि उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शनों का फल वाराणसी के काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के बराबर है। काशी विश्वनाथ का ये मंदिर सालभर भक्तों के लिए खुला रहता है। गंगोत्री जाने से पहले बाबा विश्वनाथ के दर्शन जरूरी माने जाते हैं।
मंदिर के ठीक सामने मां पार्वती त्रिशूल रूप में विराजमान हैं। कहा जाता है कि राक्षस महिषासुर का वध करने के बाद मां दुर्गा ने अपना त्रिशूल धरती पर फेंका था। ये त्रिशूल यहीं आकर गिरा था। तब से इस स्थान पर मां दुर्गा की शक्ति स्तम्भ के रूप में पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक उत्तरकाशी में ही राजा भागीरथ ने तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार उत्तरकाशी में ही राजा भागीरथ ने तपस्या की थी और उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें वरदान दिया था कि भगवान शिव धरती पर आ रही गंगा के वेग को धारण कर लेंगे।