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भारत के तट से टकराने वाला Viparjoy तूफान, पेड़ गिरेंगे, सामान बहेंगे, घरों को नुकसान

नई दिल्ली: भारत के तट से एक बड़ा तूफान टकराने वाला है। IMD ने बताया है कि ‘विपरजॉय’ बेहद गंभीर चक्रवात के रूप में 15 जून की शाम जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र और कच्छ के तटों को पार करेगा। मौसम विभाग ने आगाह किया है कि चक्रवात ‘विपरजॉय’ से भारी नुकसान होने की आशंका है। गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इस दौरान 125 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर अधिकतम 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने के आसार हैं। 15 जून की सुबह सौराष्ट्र पर इसका व्यापक असर दिखाई देने लगेगा। आज यानी 13 जून को विपरजॉय तूफान पोरबंदर से अभी 250 किमी दूर है।

मौसम विभाग का कहना है कि तट के पास चक्रवात थोड़ा कमजोर होगा लेकिन काफी नुकसान कर सकता है। सौराष्ट्र के तट पोरबंदर, देवभूमि द्वारका में आज से हवाएं तेज हो गई हैं। आज हवाओं की रफ्तार 50 से 70 किलोमीटर तक रहेगी, कल यानी 14 जून को 85 किमी प्रति घंटे पहुंच सकती हैं। 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में हवाएं सबसे तेज रहेंगी। इनकी रफ्तार 125 से 145 किमी पहुंच सकती हैं।

नुकसान का खतरा

  • हवाओं का इंपैक्ट इतना ज्यादा होगा कि पेड़ गिर सकते हैं।
  • सामान बह सकते हैं और पक्के घरों को नुकसान हो सकता है।
  • टीन शेड गिर सकते हैं। सॉल्ट स्प्रे भी आ सकता है और तटों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • आज कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जूनागढ़ में भारी बारिश हो सकती है।
  • कल से बारिश और बढ़ेगी। कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर में सबसे अधिक बारिश होगी।
  • इस समय बारिश का सीजन नहीं है इसलिए कुछ इलाकों में बाढ़ आ सकती है।

IMD के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘इससे संभवत: काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।’ गुजरात में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर जिलों में 15 जून को 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है। महापात्र ने कहा, ‘सामान्य रूप से इन इलाकों में इतनी ज्यादा बारिश नहीं होती इसलिए इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है।’ पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में भारी से अधिक भारी बारिश होने के आसार हैं। इन जिलों में 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। महापात्र ने कहा, ‘सौराष्ट्र, कच्छ के निचले तटवर्ती इलाकों में तीन से छह मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इन इलाकों से लोगों को निकालने के लिए कदम उठाने और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।’

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