दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ पटना: बिहार में इन दिनों में स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों से जुड़े आयोजकों को एक अजीब-ओ-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। आयोजक बुलाते तो हैं स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को, लेकिन वहां पहुंच जाते हैं उनके पिता व आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव।
शनिवार को भी कुछ ऐसी ही स्थिति होम्योपैथी डॉक्टरों के एक आयोजन ‘होम्योपैथी साइंस कांग्रेस’ में सामने आई। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। तेज प्रताप तो इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे, लेकिन लालू यादव जरूर पहुंच गए।
लालू यादव ने होम्योपैथी की जमकर तारीफ की और कहा कि आपकी सेवा की वजह से ही लोग अब 80 साल तक जीने लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरी में रिटारयमेंट की उम्र बढ़ाना गलत है, इससे नए लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा।
इधर लालू यादव भाषण दे ही रहे थे कि विपक्षी बीजेपी को एक बार फिर उन पर हमला करने का मौका मिल गया। बीजेपी नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि लालू यादव अपने बेटों के सभी विभागों का काम खुद ही देख रहे हैं।
यही नहीं, उन्होंने तो तेज प्रताप के इस कार्यक्रम मों नहीं आने को पारिवारिक कलह का नतीजा तक बता दिया। उन्होंने कहा, तेज प्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने से नाराज रहते हैं और विभाग के कामों में कोई रुचि नहीं लेते।
निश्चित रूप से लालू यादव का इस कार्यक्रम में जाना महागठबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए जनता के बीच किरकिरी कराने वाला तो साबित हुआ। हालांकि इससे पहले भी लालू यादव को अपने बड़े बेटे तेज प्रताप के विभाग के कामों में दखल के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।