जनवरी में तीसरी बार पेट्रोल और डीजल पर पर उत्पाद शुल्क बढ़ा
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ नई दिल्ली: सरकार ने आम बजट से पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) एक रुपये तथा डीजल पर 1.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया। इस महीने पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पाद शुल्क में यह तीसरी बढ़ोतरी है, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 3,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
हालांकि, उत्पाद शुल्क में इस बढ़ोतरी से पेट्रोल-डीजल के खुदरा मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी, क्योंकि इसे पेट्रोल, डीजल के खुदरा दाम में होने वाली संभावित कटौती के बदले समायोजित कर लिया जाएगा जो कि कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम में कमी के चलते की जा सकती है।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक अधिसूचना में कहा है कि सामान्य यानी बिना ब्रांड वाले पेट्रोल पर मूल उत्पाद शुल्क को 8.48 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 9.48 रुपये प्रति लीटर किया गया है। इसी तरह बिना ब्रांड वाले डीजल पर उत्पाद शुल्क को 9.83 रुपये से बढाकर 11.33 रुपये प्रति लीटर किया गया है।
अगर नवंबर 2015 से जनवरी 2016 तक का आंकलन करें तो ये पांचवा मौका है जब सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है। इसकी वजह से सरकार को करीब 17000 करोड़ की अलग से कमाई होने का अनुमान है। दरसल मोदी सरकार के सत्ता मैं आने के बाद ये नौवां मौका है जब सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है।
इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि मौजूदा परिस्थिति में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में बदलाव जरूरी होगा या नहीं ये फैसला रविवार शाम तक लिया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी एक फैक्टर है जिसकी समीक्षा की जाएगी। लेकिन साथ ही ये भी देखना जरूरी होगा की पिछले 15 दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की कीमतों का ट्रेंड क्या रहा है और इस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की स्तिथि क्या रही है।’
सरकार ने ये फैसला ऐसे वक्त पर किया है जब कच्चा तेल फिर से महंगा होने लगा है। पेट्रोलियम मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 14 जनवरी को कच्चे तेल (इंडियन बास्केट) की कीमत 26.43 डॉलर प्रति बैरल थी जो 28 जनवरी को बढ़कर 29.95 डॉलर प्रति बैरल हो गयी। यानी कच्चा तेल पिछले 15 दिनों में तकरीबन 13 फीसदी महंगा हुआ है।
जबकि पीछले 15 दिनों में रुपया डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुआ है। 14 जनवरी से अबतक एक डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 67.10 से बढ़कर 68.09 हो गयी है।