देहरादून: उत्तराखंड जुलाई के मध्य में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला गोवा के बाद देश का दूसरा राज्य बन सकता है। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो चुका है। समिति को उत्तरी राज्य के लिए यूसीसी का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
कमेटी ने बताया कि समान नागरिक संहिता पर अंतिम रिपोर्ट बनाने के लिए कम से कम 143 बैठकों का आयोजन किया गया। अंतिम बैठक 24 जून 2023 को दिल्ली में हुई थी, जिसमें उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों के लोगों से बातचीत कर उनकी राय ली गई थी। कमेटी को 20 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं, तो उसने लगभग दो लाख लोगों से सीधे मिलकर इस मुद्दे पर उनकी राय जानी है। कमेटी ने कहा है कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए उसने राज्य के हर जिले के हर समूह से बात की है और रिपोर्ट में सबकी बातों को समाहित किया गया है।
प्रदेशवासियों से किए गए वादे के अनुरूप आज 30 जून को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है। जल्द ही देवभूमि उत्तराखण्ड में #UniformCivilCode लागू किया जाएगा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 30, 2023
जय हिन्द, जय उत्तराखण्ड !
कमेटी की सदस्य जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने कहा कि वे जल्द ही रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगी। इसके बाद यह सरकार को तय करना है कि वह इसको लेकर अपना क्या रुख अपनाती है। पूर्व जस्टिस ने कहा, “समिति महिलाओं, बच्चों और विकलांगों के हितों की सुरक्षा पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ विवाह, तलाक उत्तराधिकार, संरक्षकता, हिरासत और विरासत सहित कई मुद्दों के लिए एक समान नागरिक संहिता लाने के लिए सिफारिशें करेगी। हम महिलाओं, बच्चों और विशेष रूप से विकलांग लोगों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम लैंगिक समानता के लिए काम कर रहे हैं।’
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यूसीसी कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद इसे लागू करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यूसीसी लागू करने को गौरव का क्षण बताया। धामी के बयान को देखते हुए माना जा रहा है कि राज्य जल्द ही समान नागरिक संहिता कानून लागू कर सकता है।