नई दिल्ली : भारी बारिश और हरियाणा से छोड़े गए पानी के चलते यमुना उफान पर है। दिल्ली सरकार ने पहला बाढ़ अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार को खतरे के निशान (205.33 मीटर) के पार जा सकता है।
सोमवार सुबह 8 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर यमुना का वाटर लेवल 203.33 मीटर दर्ज किया गया। यहां पर चेतावनी का लेवल 204.50 मीटर पर है। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में काफी सारा पानी छोड़ा गया है। यमुना किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। यमुना के किनारे करीब 37 हजार लोग रहते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड व यमुना नदी के कैचमेंट एरिया में दो दिन से लगातार बारिश हो रही है। दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने चेतावनी जारी की। सभी सेक्टर अधिकारियों को निगरानी करने और तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों को चेतावनी देने के लिए कहा गया।
भारी बारिश के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 जुलाई को सभी स्कूलों में एक दिन की छुट्टी कर दी है। राजधानी में जगह-जगह पानी भरा है जिससे आने-जाने में दिक्कत हो रही है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार दोपहर को सचिवालय में बैठक बुलाई है। मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी इसमें शामिल होंगे। यमुना के बढ़ते वाटर लेवल पर भी चर्चा होगी।
सीडब्ल्यूसी (केंद्रीय जल आयोग) के अनुसार यमुना के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। यह मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर सकता है। इससे पहले राजधानी में 1978 और 2010 में बाढ़ आई थी। उस समय कई इलाकों में पानी भर गया था। 1978 में यमुना में दो लाख 24 हजार 390 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उसकी वजह से जल स्तर 207.49 मीटर के निशान को छू गया था। इसके बाद 2010 में 207.11 मीटर और 2013 में 207.32 मीटर के स्तर पर पहुंचा था। 2010 में यमुना में 2 लाख 26 हजार 535 क्यूसेक और 2013 में 3 लाख 65 हजार 573 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।