चंडीगढ़ : पिछले कुछ दिनों से राज्य भर और हिमाचल प्रदेश में पड़ी लगातार और भारी बारिश के कारण राज्य में पैदा हुई स्थिति पर निरंतर निगरानी रखने और राहत कामों को प्रभावशाली तरीके से जमीनी स्तर पर चलाने के लिए मुख्य सचिव अनुराग वर्मा द्वारा मंगलवार को लगातार दूसरे दिन मीटिंग की गई। मीटिंग में सम्बन्धित विभागों के प्रशासनिक सचिवों और समूह जिलों के डिप्टी कमिशनर और एस. एस. पीज से मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट ली गई।
मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा राज्य निवासियों को हर तरह मदद मुहैया करने के दिए निर्देशों पर प्रशासन की तरफ से किये जा रहे राहत कामों का भी मीटिंग में जायज़ा लिया। फील्ड में तैनात कैबिनेट मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधि प्रशासन के साथ तालमेल करके लोगों को राहत देने के लिए जुटे हुए हैं। मीटिंग में मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव ए वेनू प्रसाद, डी. जी. पी. गौरव यादव और सेना और एन. डी. आर. एफ. के नुमायंदे भी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए कि जहाँ भी निचली जगह या पानी भरने के कारण लोग फंसे हुए हैं, उनको सुरक्षित निकालने और उनके लिए खाने-पीने और रहने के वैकल्पिक प्रबंधों को जंगी स्तर पर किया जाये। लोगों के लिए किये जा रहे प्रबंधों के बारे उनको जानकारी मुहैया करवाने के लिए अधिक से अधिक प्रचार किया जाये जिससे वे सुविधा का फ़ायदा उठा सकें। लोगों की जान की रक्षा सबसे प्रमुख प्राथमिकता है।
अनुराग वर्मा ने आगे कहा कि असुरक्षित इमारतों की तुरंत शिनाख़्त करके लोगों को जागरूक किया जाये जिससे किसी भी असुखद घटना से बचा जा सके। उन्होंने ज़िला बार डी. सीज से अपेक्षित मदद की जानकारी भी हासिल की और कहा कि जिलों को ज़रूरत के मुताबिक एन. डी. आर. एफ. टीमें तैनात की जा रही हैं। मौजूदा समय रूपनगर जिले में पाँच, एस. ए. एस. नगर में तीन, पटियाला में दो और जालंधर, फतेहगढ़ साहिब और शहीद भगत सिंह नगर में एक- एक टीम तैनात है। कपूरथला, तरन तारन जिलों की तरफ से एन. डी. आर. एफ. की एक- एक टीम तैनात करने की माँग की गई। इसी तरह पानी प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत देने के लिए किश्तियों, लाईफ़ जैकेटों, पानी निकालने वाली मशीनों और खाने वाले पैकेटों की ज़रूरत पूछी गई।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को पानी के कारण होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए आगामी प्रबंध करने और दवाओं की कोई कमी न रहने देने संबंधी कहा। जल सप्लाई विभाग को लोगों के लिए उपयुक्त पीने वाला पानी मुहैया करने के लिए कहा। पशु पालन विभाग को निर्देश दिए गए कि पशुओं को होने वाली बीमारियों के मुकाबले के लिए फील्ड स्टाफ को सक्रिय किया जाये। स्थानीय निकाय विभाग को फौगिंग और स्प्रे के प्रबंध करने के लिए कहा। ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने बताया कि समूह स्टाफ गाँवों में निरंतर तैनात करके लोगों की मदद की जा रही है। बिजली विभाग की तरफ से बताया गया कि जहाँ भी कहीं बिजली सप्लाई प्रभावित हुई है, उसे तुरंत ठीक करके बहाल की जाये।
इससे पहले जल स्रोत विभाग की तरफ से दी जानकारी में बताया गया कि भाखड़ा डैम में इस समय पानी का स्तर 1624.14 फुट है जबकि क्षमता 1680 फुट है। पौंग डैम में पानी का स्तर 1360.04 फुट है जबकि क्षमता 1390 फुट है और रणजीत सागर डैम में पानी का स्तर 1712. 64 फुट है जबकि क्षमता 1731.99 फुट है। सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर दरियाओं में पानी के स्तर की मौजूदा स्थिति से अवगत करवाया गया। यह भी बताया गया कि सतलुज दरिया पर धुस्सी बाँध में दो स्थानों पर दरारों को भरा गया है।
मीटिंग में मौसम विभाग के अधिकारियों की तरफ से जानकारी दी गई कि आने वाले 48 तक पंजाब में विभिन्न स्थानों पर हलकी से मध्यम बारिश पड़ेगी जबकि 48 से 72 घंटों तक कुछ स्थानों पर हलकी से मध्यम बारिश होगी। हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में आगामी 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश पड़ने की संभावना है।
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि घाटी वाले जिलों में नदियों और नहरों में अधिक पानी की संभावना को देखते हुये आगामी प्रबंध किये जाएँ क्योंकि आगामी कुछ समय में पानी और बढ़ जायेगा और निचले इलाकों में से लोगों को सुरक्षित निकालते हुये जान-माल की रक्षा यकीनी बनाई जाये।
मीटिंग में विशेष मुख्य सचिव राजस्व के. ए. पी. सिन्हा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायत के. सिवा प्रसाद, प्रमुख सचिव जल सप्लाई और सेनिटेशन जसप्रीत तलवार, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वी. पी. सिंह, प्रमुख सचिव जल स्रोत कृष्ण कुमार, सचिव स्थानीय निकाय अजोए शर्मा, विशेष डी. जी. पी. (कानून और व्यवस्था) अर्पित शुक्ला, पश्चिमी कमांड के नुमायंदे सलाहकार सिवल सेना मामले कर्नल जे. एस. संधू उपस्थित, एन. डी. आर. एफ. के कमांडैट संतोष कुमार, डायरैक्टर ग्रामीण विकास एवं पंचायत गुरप्रीत सिंह खैहरा, डायरैक्टर पशु पालन डा. राम पाल मित्तल, उपस्थित थे।