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विदेश मंत्रालय ने मणिपुर पर ईयू संसद का प्रस्ताव ठुकराया, FTA वार्ता पर हो सकता है असर

नई दिल्ली : यूरोपीय संघ की संसद में मणिपुर में हिंसा को लेकर जारी प्रस्ताव को भारत ने अपने आंतरिक मामले में सीधा हस्तक्षेप बताया है और कहा कि यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। ब्रुसेल्स स्थित यूरोपीय संसद ने मणिपुर के घटनाक्रम पर चर्चा करते हुए भारतीय प्रशासन से कहा कि सभी जरूरी कदम उठाकर मणिपुर में हिंसा को तत्काल रुकवाएं और सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करें।

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार देर रात को जारी बयान भारतीय प्रतिक्रिया की शुरुआत हो सकती है। यूरोपीय संसद ने जिस तरह से भारत की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए मणिपुर हिंसा पर बेहद कड़े शब्दों वाला प्रस्ताव पारित किया है उसका असर दोनो देशों के रिश्तों पर भी फिलहाल दिख सकता है। जानकारों का मानना है कि भारत और ईयू के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर चल रही वार्ता पर भी इसका असर संभव है। मई, 2023 में ही दोनों ने फैसला किया था कि व्यापार समझौते को लेकर बातचीत की रफ्तार बढ़ाई जाएगी लेकिन यूरोपीय संसद के इस अप्रत्याशित कदम के बाद ऐसा संभव नहीं दिख रहा।

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