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चंद्रयान-3 के निर्माण में Godrej और L&T ने भी निभाया अहम रोल, बनाए कई महत्वपूर्ण पार्ट्स

नई दिल्ली: आज भारत के स्पेस मिशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. देश के तीसरे मून मिशन यानी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के समय में अब कुछ ही घंटे बाकी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने मून मिशन के तहत शुक्रवार 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च करेगा. इस मिशन के जरिए इसरो चंद्रमा के सतह पर लैंडर की सॉफ्ट और सुरक्षित लैंडिंग करने की कोशिश कर रहा है. अगर सब कुछ वैज्ञानिकों के मुताबिक होगा को यह लैंडर चंद्रमा की सतह पर चलकर चांद से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देगा.

अगर इस मिशन को पूरा कर लिया जाता है तो चंद्रमा की सतह पर यह कामयाबी हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा. भारत के इस सपने को पूरा करने के लिए कई कंपनियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं. इसमें सबसे पहला नाम है गोदरेज एयरोस्पेस का. मुंबई स्थित इस कंपनी ने इस मिशन के लिए कई महत्वपूर्ण पार्ट्स प्रदान किए हैं. चंद्रयान-3 के रॉकेट इंजन और थ्रस्टर का गोदरेज एयरोस्पेस ने निर्माण किया है.

गोदरेज एयरोस्पेस के एवीपी और बिजनेस हेड मानेक बेहरामकानदीन ने पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा है, ‘हमें इस बात की जानकारी देते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि हमने चंद्रयान-3 में बहुत अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने आगे कहा कि हम इसरो के एक विश्वसनीय साथी रहे हैं और आगे भी भविष्य में लॉन्च, मिशन और एयरोस्पेस के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे. ध्यान देने वाली बात ये है कि कंपनी ने चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने भी चंद्रयान-3 में कई पार्ट्स को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस मामले पर एक बयान जारी करते हुए कंपनी ने कहा है कि उसने एलवीएम-3 एम-4 को बनाने में अपना योगदान दिया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक कंपनी ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है कि चंद्रयान-3 के मध्यम और नॉडल बकेट फलेयर को कंपनी की महाराष्ट्र स्थित पवई के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में बनाया गया है. इसके अलावा चंद्रयान-3 के कुछ पार्ट्स का निर्माण कोयम्बटूर में भी हुआ है.

L&T के डिफेंस और कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रमुख अरुण रामचंदानी ने कहा है कि है हम हमेशा से इसरो के साथ कई स्पेस प्रोग्राम में जुड़े हुए रहे हैं और आगे भविष्य में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने चंद्रयान-3 के सभी पार्ट्स को सही समय पर सप्लाई कर दिया था. ध्यान देने वाली बात ये है कि कंपनी ने भारत के कई अन्य स्पेस प्रोग्राम जैसे चंद्रयान-1, चंद्रयान-2, गगनयान और मंगलयान जैसे कई मशीनों से जुड़ी रही है.

गौरतलब है कि चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग का वक्त करीब आ गया है. इस स्पेस मिशन की शुरुआत दोपहर 2 बजे से होगी. चंद्रयान-3 में एक लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन शामिल है. इसको 100 किलोमीटर की मून ऑर्बिट में ले जाया जाएगा. इस मिशन का मेन मकसद मिशन के विक्रम लैंडर के लिए चंद्रमा पर सुरक्षित सॉफ्ट लैंडिंग करना है. अगर भारत यह करने में सफल रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले सितंबर, 2019 में चंद्रयान-2 के जरिए भारत ने ऐसा करने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा करने में असफल रहा था. चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

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