देहरादून: भू माफिया किसी भी राज्य में संगठित अपराध नेटवर्क को बढ़ावा देते हैं और कानून व्यवस्था को कमजोर करते हैं। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में संगठित अपराध नेटवर्कों को तोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । राज्य में लैंड जिहादियों के खिलाफ़ हो रही कार्यवाही के बीच भू माफियाओं के खिलाफ़ भी धामी सरकार जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपना रही है और इसके मद्देनजर सभी जिला प्रशासन को निर्भीकता और बिना किसी दबाव और हस्तक्षेप के कार्यवाही करने निर्देश भी मुख्यमंत्री धामी द्वारा दिया जा चुका है।
हाल ही में देहरादून में रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों और भू माफिया की मिलीभगत से रिकॉर्ड रूम के अंदर असली रजिस्ट्री को बदलने और गायब करने का गैंग संचालित किया जा रहा था। जनसुनवाई में कुछ मामले सामने आने के बाद जिलाधिकारी सोनिका ने जांच बिठाई तो गैंग का पर्दाफाश हुआ। जांच में सामने आया कि रिकॉर्ड रूम में असली रजिस्ट्री को बदल कर उसके स्थान पर भू माफिया अपने अनुसार फर्जी दस्तावेजों को रिकॉर्ड में शामिल करा रहे थे।
प्रशासनिक जांच में सामने आया कि बड़े पैमाने पर फर्जी विक्रय, दानपत्र, अभिलेखों में छेड़छाड़ कर भू माफिया को लाभ पहुंचाने का खेल सालों से चल रहा था। एडीएम वित्त की ओर से जांच में पकड़े गए चारों मामलों में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं।
प्रकरण में शामिल लोगों को किया जा रहा चिन्हित
जांच में चारों मामलों में नकली रजिस्ट्री को रिकॉर्ड में शामिल किया जाना पाया गया। एडीएम वित्त रामजी लाल शर्मा ने बताया कि सीलिंग भूमि, अतिरिक्त घोषित भूमि और चाय बागान, शत्रु सम्पत्ति समेत कई अन्य संपत्तियों पर फर्जी कागजों के जरिए मालिकाना हक जताकर कब्जा करने के प्रयास किये जा रहे थे। इस प्रकरण में शामिल लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। इन सभी के खिलाफ रिपेार्ट दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं।