सावन का दूसरा सोमवार है महत्वपूर्ण, बन रहे 4 शुभ संयोग, महादेव की कृपा से मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी
नई दिल्ली : इस साल सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई को है. दूसरा सावन सोमवार कई मायनों में खास है. इस दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसमें भगवान शिव की कृपा के साथ माता पार्वती का अशीर्वाद प्राप्त होगा. उन्नति, सुख, सौभाग्य और मनचाहे जीवनसाथी की मनोकामना भी पूर्ण हो सकती है. त्रिदेवों के साथ आपके पितर भी प्रसन्न होंगे. सावन सोमवार व्रत रखने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
17 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार पर 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. इस दिन सोमवती अमावस्या है और सावन की हरियाली अमावस्या भी है. इसके अलावा रुद्राभिषेक के लिए शिववास भी है. इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र है.
- सोमवती अमावस्या: सावन के दूसरे सोमवार को श्रावण अमावस्या है, लेकिन दिन सोमवार होने के कारण यह सोमवती अमावस्या है. सोमवती अमावस्या को स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
- हरियाली अमावस्या: दूसरे सावन सोमवार के दिन हरियाली अमावस्या का भी सुंदर संयोग बना है. हर साल श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या मनाई जाती है. इस दिन प्रकृति की पूजा होती है. हरियाली अमावस्या के अवसर पर दैव पेड़-पौधे जैसे पीपल, आंवला, नीम, बरगद, शमी आदि लगाए जाते हैं. इनकी सेवा करने से देव और पितर दोनों ही प्रसन्न होते हैं.
- रुद्राभिषेक के लिए शिववास: सावन के दूसरे सोमवार पर रुद्राभिषेक के लिए शिववास भी है. बिना शिववास के रुद्राभिषेक नहीं किया जाता है. 17 जुलाई को शिववास माता गौरी के साथ है. इस दिन सूर्योदय से लेकर रात्रि तक शिववास है. आप सुविधानुसार किसी भी शुभ समय में रुद्राभिषेक कर सकते हैं.
- पुनर्वसु नक्षत्र: दूसरा सावन सोमवार पुनर्वसु नक्षत्र में है. इसे शुभ नक्षत्र माना जाता है. देव माता अदिति पुनर्वसु नक्षत्र की इष्टदेव हैं और यह राशि चक्र का सातवां नक्षत्र है.
सावन सोमवार का महत्व
सावन माह भगवान शिव का प्रिय महीना है और वे सोमवार के अधिपति देव हैं. इस तरह से सावन सोमवार शिव जी के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए सबसे अच्छा दिन है. जो व्यक्ति सच्चे मन से सावन सोमवार का व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है. मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है.