यानी सूखे की स्थिति में भी किसानों की खेती मुरझाएगी नहीं। मोहन भाई का दावा है कि ‘मेघराज मशीन’ से रेज (किरण) फैलाकर करीब 15 किलोमीटर के दायरे में जितनी चाहो झमाझम बारिश कराई जा सकती है। उनका यह भी दावा है कि अब तक कच्छ और सूरत आदि स्थानों में इस मशीन का सफल प्रयोग किया जा चुका है।
मोहन भाई बताते हैं कि बिजली से चलने वाली मेघराज मशीन से काश्तकारों को लाभ तो होता ही है इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
यह मशीन वातावरण में हाईड्रोजन और ऑक्सीजन के आयनों को एकत्र कर दो से तीन दिनों के अंदर प्राकृतिक बादल बनाकर बरसात कराने में सक्षम है। उनका कहना है कि उत्तराखंड के चंपावत जिले में पहली बार मशीन का प्रायोगिक परीक्षण किया जा रहा है। इस प्रयोग में गुजरात के पीएस बधानी उनके सहयोगी हैं।
तीन दिन के भीतर होगी चंपावत में बारिश
लीड बैंक (एसबीआई) अधिकारी आनंद सिंह रावत की पहल पर ‘मेघराज मशीन’ के प्रयोग के लिए चंपावत जिले का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि वह मुंबई में इस मशीन का सफल प्रयोग देख चुके हैं।
उन्होंने जिले में सूखे की मार झेल रहे काश्तकारों को बचाने के लिए मोहन भाई को चंपावत में प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने दावा किया कि तीन दिन के भीतर चंपावत क्षेत्र में बरसात होगी।