अद्धयात्म

RSS का मुखपत्र ऑर्गेनाइजर मानता है महिलाओं की दलील को गलत

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ organizer-rss-magazine_650x400_51454393047नयी दिल्ली: शनि शिंगणापुर और सबरीमाला अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ ने इस परंपरा को सही ठहराते हुए कहा है कि पाबंदी को धता बताने के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे तर्कवादियों की दलील गलत है।

इस पत्रिका ने ‘आदरपूर्ण संवाद’ के जरिए इस मामले का समाधान तलाशने की वकालत की है। आजादी से पहले के दिनों में शुरू किए गए सुधारों का हवाला देते हुए ‘ऑर्गेनाइजर’ ने कहा कि कई विचारकों ने ब्रिटिश सरकार की ओर से लाए जाने वाले कानूनों के जरिए सामाजिक सुधारों की वकालत की।

लेकिन बाल गंगाधर तिलक जैसे राष्ट्रवादियों ने इसका विरोध किया। उनका मानना था कि संवाद की प्रक्रिया से ही हमारे भीतर से सुधार आ सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल विजयादशमी के अवसर पर अपने भाषण में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ ऐसी ही बातें कही थी।

ऑर्गेनाइजर लिखता है…

‘ऑर्गेनाइजर’ के संपादकीय में लिखा गया है, ‘‘महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के मामले में 400 साल पुरानी परंपरा रही है जिसके तहत महिलाओं को गर्भ गृह में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाती है। तृप्ति देसाई की अगुवाई वाली भूमाता ब्रिगेड की महिला कार्यकर्ताओं ने इस परंपरा को धता बताकर जबरन मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की।’’

संपादकीय के मुताबिक, ‘‘धार्मिक मामलों में महिलाओं के स्थान को लेकर वाजिब चिंताएं हो सकती हैं, लेकिन परंपरा को धता बताने वालों के समर्थन में ‘तर्कवादी प्रदर्शनकारियों’ की दलीलें गलत हैं।’’

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