दौसा : राजस्थान में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों ने फसल बीमा सर्वे फ़ॉर्म से छेडखानी कर सैकड़ों किसानों को फ़सल बीमा क्लेम से वंचित कर दिया। यह कंपनी की किसानों के साथ बड़ी धोखाधड़ी है। यह कहना है किसान मोर्चा राजस्थान के अध्यक्ष और किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर का।
इस संबंध में हिम्मत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि खींवसर नागौर के किसान परसाराम को जब अपनी फसल के नुक़सान पर बीमा कंपनी द्वारा क्लेम नहीं दिया गया तो किसान परसाराम ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) से सूचना निकलवाई। तब पता चला कि फसल नुक़सान पर हुए की सर्वे रिपोर्ट में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों ने हेराफेरी कर किसान परसाराम को बीमा क्लेम से वंचित कर दिया।
किसान मोर्चा का आरोप है कि पीड़ित परसाराम ने हिम्मत दिखाकर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट थाना खींवसर नागौर में FIR न.133 दर्ज करवाई। लेकिन, उक्त FIR पर अभी तक नागौर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की हैं। बल्कि रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के स्टेट हैड द्वारा पुलिस प्रशासन से मिलीभगत कर राजस्थान उच्च न्यायालय में FIR ख़ारिज करने और गिरफ़्तारी पर स्टे के लिए अर्ज़ी दाखिल कर दी है।
पत्र में किसान नेता हिम्मत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि परसाराम तो एक बानगी है, प्रदेश में ऐसे सैकड़ों किसानों के साथ बीमा कंपनी क्लेम न देकर करोड़ों रूपयों की धोखाधड़ी करती आ रही हैं। वहीं नागौर पुलिस दस्तावेजी सबूत दिए जाने के भी सही तरह से कार्रवाई नहीं कर रही है।
हिम्मत सिंह का कहना है कि नागौर जिले में ख़रीफ़ फसल-2022 प्राकृतिक आपदा के कारण अकाल जैसी स्थिति होने के बावजूद रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने सरकार से 300 करोड़ रूपए का प्रीमियम लेकर किसानों को मात्र 107 करोड़ रुपए का क्लेम दिया था। इससे ये साबित होता है कि ये कंपनी हज़ारों किसानों की सर्वे रिपोर्ट में छेड़खानी कर करोड़ों रूपए डकार रही है। इस कंपनी के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए।