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मलमास के दौरान जरूर करें ये 5 उपाय, लक्ष्मी नारायण की बनी रहेगी कृपा

नई दिल्ली : 18 जुलाई से मलमास की शुरुआत हो चुकी है और 16 अगस्त को इसका समापन होगा। सावन मास में मलमास या अधिकमास लग जाने की वजह से इस बार सावन मास दो महीने का होने जा रहा है और ऐसा संयोग 19 वर्ष बाद बन रहा है। मलमास माह में भगवान पुरुषोत्तम यानी विष्‍णुजी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र में मलमास का महत्व बताते हुए कुछ विशेष चीजों के बारे में भी बताया गया है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मलमास में अगर ये खास पांच चीजें की जाएं तो लक्ष्मी नारायण की हमेशा कृपा बनी रहेगी और घर में धन धान्य की कभी कमी नहीं होगी। मलमास में की जाने वाली ये पांच चीजें बेहद आसान हैं, इनको रोजमर्रा की जिंदगी में अपना लिया जाए तो जीवन के सभी दुख दूर हो सकते हैं।

मलमास या अधिकमास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस माह हर रोज भगवान विष्णु की पूजा आराधना और हरि के नाम का हवन करना सबसे उत्तम माना गया है। मलमास में कोई मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते इसलिए हर रोज भगवान विष्णु की आराधना और हवन करने से लक्ष्मी नारायण की कृपा बनी रहेगी और परिवार के सदस्यों की भी तरक्की होगी।

मलमास या अधिकमास के दौरान पवित्र ग्रंथ राम चरित्र मानस, श्रीमद् भागवत कथा का पाठ करना मोक्ष के द्वार खोलने में मदद करता है। हर रोज सुबह शाम राम चरित्र मानस और श्रीमद् भागवत कथा के पाठ करने से आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार बनता है और जीवन में नई दिशा मिलती है। मलमास में निरंतर इनका पाठ करने से ये महाग्रंथ आगे बढ़ते हुए विजय प्राप्ति की प्रेरणा देते हैं।

मलमास में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के साथ साथ विष्णु सहस्त्रनाम का जप भी अवश्य करना चाहिए। साथ ही हर रोज जल में दूध मिलाकर तुलसी को अर्घ देना चाहिए। ऐसा करने से घर में सौभाग्य और खुशियां आती हैं और तनाव दूर रहता है। मलमास में हर रोज इन चीजों के करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मलमास या अधिकमास में स्नान व ध्यान करने के बाद हर रोज तुलसी की मिट्टी का तिलक लगाना चाहिए। श्रीहरि को तुलसी अति प्रिय है और तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। मलमास में हर रोज तुलसी की मिट्टी का तिलक लगाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बना रहता है और धन प्राप्ति के मार्ग बनते हैं।

पुराणों में बताया गया है कि मलमास को भगवान विष्णु ने ब्रज क्षेत्र में बसाया था। इस वजह से मलमास के समय सभी तीर्थ ब्रज क्षेत्र में आकर निवास करते हैं और कृष्ण लीलाओं का आनंद लेते हैं। इसलिए मलमास के समय ब्रज क्षेत्र की यात्रा करना सबसे उत्तम माना गया है। इस मास में ब्रजभूमि की यात्रा करने का पुण्य एक साथ मिल जाता है।

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