जयपुर: स्वयंसेवी आधारित शून्य कोष संगठन रॉबिन हुड आर्मी (आरएचए) ग्रामीण भारत में वंचित नागरिकों की सेवा के लिए एक राष्ट्रीय अभियान “मिशन स्वदेश” के साथ देश की आजादी के 76वें वर्ष को पूरा करना चाहता है। “मिशन स्वदेश” अभियान के तहत रॉबिन हुड आर्मी भारत के स्वतंत्रता दिवस से पहले वाले सप्ताह में एक सामूहिक सामाजिक प्रयास शुरू कर रही है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना गांवों में जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए नागरिकों, रचनाकारों, मीडिया घरानों और कॉरपोरेट्स को एक साथ आने के लिए एकजुट करेगी।
इस अवसर पर सोनल अग्रवाल, फाउंडर, रॉबिन हुड आर्मी, जयपुर ने कहा, “हर साल 15 अगस्त को रॉबिन हुड आर्मी भारत में मेगा ड्राइव आयोजित करता है। इस वर्ष की थीम ‘मिशन स्वदेश’ है जिसमें 1000 गांवों में 10 करोड़ भोजन परोसने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। देश भर में रॉबिन हुड आर्मी के स्वयंसेवक सबसे पिछड़ी आबादी को लक्षित करते हुए, अपने साथी नागरिकों को पौष्टिक भोजन और राशन पहुंचाने के लिए सेना में शामिल होंगे।”
मिशन स्वदेश के अंतर्गत 1000 गांवों में 1 करोड़ भोजन वितरण का लक्ष्य है। भारत में रॉबिन हुड आर्मी के हजारों स्वयंसेवकों की एक समर्पित सेना, अपने साथी नागरिकों को पौष्टिक भोजन और राशन पहुंचाने के लिए एकजुट होगी। ऐसा करने के लिए प्रत्येक शहर 50 किमी के दायरे में 2-5 गांवों को गोद लेगा। मिशन स्वदेश ग्रामीण भारत में रॉबिन हुड आर्मी की दीर्घकालिक पहुंच को बढ़ावा देगा। इसकी टीम ने गांवों का पता लगाना और उनकी जरूरतों की पहचान करना शुरू कर दिया है। जिनमें से कुछ के नाम है – गॉंवली, खोलियों की ढाणी, पावटा, सराय बावरी, नांगल, बगरू, नींदड़, जमवारामगढ़, भावगढ़, बेनाड़, जैतपुरा, आकेड़ा आदि। इस पहल के साथ, आरएचए जयपुर का लक्ष्य आसपास के 40 से अधिक गांवों में 3.5 लाख भोजन परोसना है। यह अपने संरक्षकों, दोस्तों और परिवार, कॉरपोरेट्स और शहर के प्रभावशाली व्यक्तियों से संपर्क कर रहे हैं ताकि वे 5600 से अधिक राशन बैग का योगदान कर सकें, जिसमें 5 किलो गेहूं का आटा, 2 किलो चावल और 1 किलो मिश्रित दाल का समावेश होगा।
जयपुर में रॉबिन हुड आर्मी की शुरुआत सोनल अग्रवाल ने अक्टूबर 2014 में की थी। उसके पहले अभियान में, उनके पति और एक दोस्त ने उनका समर्थन किया, जिसके दौरान उन्होंने 50 जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित किया। आज, रॉबिन हुड आर्मी जयपुर में 9 चैप्टर, एक ग्रामीण चैप्टर और लगभग 1000+ स्वयंसेवक हर महीने औसतन 37+ हज़ार लोगों को भोजन बाँट रहे है।”