साल का वो दिन जब नहीं बनती आपकी परछाई
नई दिल्ली: पृथ्वी सूरज के चारो ओर चक्कर लगाती है और अपनी जगह पर भी घूमती रहती है. ये प्रोसेस लगातार चलता रहता है और इस बीच कुछ अजीबोगरीब खगोलीय घटनाएं भी होती रहती हैं. कभी ग्रहण आ जाता है तो कभी पृथ्वी से कुछ अलग खगोलीय घटना देखने को मिलती है. अब भारत एक फिर एक घटना का साक्षी बनने वाला है, जो वाकई चौंका देने वाला है. दरअसल, आज भारत में नो शैडो डे होने वाला है और इसका मतलब है कि गुरुवार को एक वक्त ऐसा आएगा कि जब लोगों की परछाई बनना बंद हो जाएगी और कुछ देर तक किसी की परछाई नहीं दिखेगी.तो जानते हैं इसका क्या मतलब है और बिना परछाई वाला ये सीन कितने वक्त तक रहेगा. इसके साथ ही जानते हैं कि आखिर ये किस वजह से हो रहा है और क्या ये घटना धरती पर होना कितनी आम है…
जो शैडो डे के दौरान सूरज की पॉजिशन ऐसी स्थिति होती है कि कुछ देर तक आपकी परछाई नहीं दिखती है. यह वो दिन होता है, जब दिन के एक खास समय पर सूर्य हमारे सिर के ठीक ऊपर आ जाता है. जिस वजह से हमारी कोई परछाई नहीं बनती है. इसी वजह से इस स्थिति को जीरो शैडो कहा जाता है. अगर आज वाले जीरो शैडो की बात करें तो ये 3 अगस्त 2023 को 12.23 बजे होगा. बताया जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हैरादाबाद के पास होगा और इसके लिए हैदराबाद में खास तैयारियां भी की जा रही है.
यह खास घटना है, जो साल में दो बार घटित होती है. ये तो आप जानते हैं कि पृथ्वी अपने अक्ष पर हल्की झुकी होती है और इस झुकाव और पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने के कारण ऐसी घटना होती है. इस झुकाव की वजह से पूरे साल सूरज की किरणों का कोण बदलता रहता है, जिसकी वजह से छाया की लंबाई और दिशा भी बदलते हुए दिखती है. साथ ही इस कोण से सौर झुकाव आदि भी बदलता रहता है. इस वजह से सूर्य एकदम ऊपर नहीं होता, लेकिन कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थान पर पृथ्वी पर साल में दो बार ऐसा होता है.इस वजह से उस वक्त सूर्य और पृथ्वी के कुछ अक्षांश पर बड़ी वस्तु का कोण इस हिसाब से होता है कि सूर्य ऊपर रहता है और छाया ओब्जेक्ट के एक दम नीचे होती है. इसका मतलब है कि छाया बनती है तो मगर दिखाई नहीं देती है या फिर एकदम हल्की दिखाई देती है.