भोपाल के जंगलों में घूम रहे बाघों की सुरक्षा के लिए अब रात में भी होगी गश्त
भोपाल : राजधानी के नजदीक समरधा, केरवा, कलियासोत, कठौतिया, बैरागढ़ी चीचली, चंदनपुरा समेत अन्य हिस्सों में विचरण कर रहे बाघों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग सतर्क हो गया है। वन विभाग के आकलन में इन इलाकों में डेढ़ दर्जन बाघों का मूवमेंट चल रहा है। ऐसे में भोपाल के आसपास के जंगलों में घूम रहे बाघों की सुरक्षा के लिए अब रात्रिकालीन गश्त करके इनकी निगरानी की जाएगी। इस गश्त की औचक जांच करने वाले अधिकारियों का चार्ट बनाया जा रहा है। इस चार्ट के अनुरूप तय रात्रि में गश्त की निगरानी के लिए अधिकारी जंगलों में निकलेंगे और देखेंगे कि रात्रिकालीन गश्त करने वाला वन अमला कितना सजग है। इसके अलावा जंगल वाली सड़कों से गुजरने वाले वाहनों की भी जांच की जाएगी, ताकि कोई गड़बड़ी के उद्देश्य से यहां प्रवेश न कर सके।
भोपाल शहर में लगातार बाघों के मूवमेंट को लेकर इनकी सुरक्षा के लिए की जाने वाली रात्रिकालीन गश्त पर सवाल उठते रहे हैं। कुछ बाघ मित्रों ने नए फॉरेस्ट अधिकारियों को बताया कि गश्त ठीक से और तय रूट के अनुरूप नहीं की जा रही है। संबंधित वन अधिकारी एक-दो चक्कर लगाते हैं और वाहन खड़ा करके सो जाते हैं। रात में शिकारी इसका फायदा उठा सकते हैं।
वन क्षेत्र में जिन पाइंटों पर वन अमले की रात्रिकालीन गश्त तय की है, वहां औचक निरीक्षण किया जाएगा। विभाग के आला अधिकारी इसको लेकर काम करेंगे। यह काम सप्ताह में प्रत्येक दिन चिन्हित अधिकारी करें। इसकी रिपोर्ट बनाकर पेश की जाए, लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि भोपाल सामान्य वन मंडल के पास रात्रिकालीन गश्त के लिए दो वाहन हैं। एक उड़नदस्ता है।
भोपाल सामान्य वन मंडल के कठौतिया, केरवा, कलियासोत, बैरागढ़ चीचली के पीछे की पहाड़ी, मेंडोरा, तेरह शटर गेट, दानिश पहाड़ी, केरवा पहाड़ी, केरवा डैम, 13 शटर गेट से जागरण लेकसिटी रोड, चंदनपुरा, मौत का कुंआ, केरवा डैम से कोलार जाने वाले मार्ग और केरवा नर्सरी में बाघों का मूवमेंट है।