महाराष्ट्र: सर्वर ठप पड़ने से 2 घंटे लेट शुरू हुई तलाठी भर्ती परीक्षा, सरकार ने दिए जांच के आदेश
मुंबई. सोमवार को राज्य में टीसीएस के सर्वर में जिस ‘तकनीकी खामी’ के कारण तलाठी (राजस्व विभाग के कर्मचारी) भर्ती परीक्षा शुरू होने में दो घंटे की देरी हुई और अभ्यर्थियों को असुविधा हुई, उसकी जांच राजस्व विभाग के एक शीर्ष नौकरशाह करेंगे। महाराष्ट्र के एक कैबिनेट मंत्री ने यह जानकारी दी।
ऑनलाइन यह परीक्षा कराने का जिम्मा संभालने वाली कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने सुबह एक बयान में कहा, “तकनीकी दल के अनुसार कोई केंद्रीय हार्डवेयर समस्या खड़ी हो गयी जिसने आज तलाठी भर्ती परीक्षा 2023 के सभी केंद्रों पर शुरू होने के समय पर असर डाला। (परीक्षा शुरू होने का समय पूर्वाह्न नौ बजे था लेकिन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से यह 11 बजे शुरू हुई।)”
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की और परीक्षार्थियों को हुई असुविधा को लेकर खेद प्रकट किया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “राजस्व विभाग के अवर मुख्य सचिव टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी, जिससे तलाठी भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को बड़ी असुविधा हुई, पैदा हो जाने के कारणों की जांच करेंगे। राज्य सरकार उन अभ्यर्थियों के प्रति खेद प्रकट करती है जिन्हें परीक्षा के शुरू होने में देरी होने के कारण असुविधा हुई।”
उन्होंने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि राज्य में ऐसी परीक्षाएं आयोजित करने में अनुभव रखने वाली बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टीसीएस के सिस्टम में कैसे तकनीकी गड़बड़ी हो गयी। मंत्री ने कहा, “कंपनी ने राज्य सरकार को बताया कि उसके डाटा सेंटर में तकनीकी गड़बड़ी के कारण समस्या खड़ी हुई। मुझे आश्चर्य होता है कि टीसीएस जैसी कंपनी में ऐसी तकनीकी गड़बड़ी कैसे हो सकती है। कंपनी ने अन्य विभागों के वास्ते भी भर्ती परीक्षाएं आयोजित की हैं।”
विखे पाटिल ने कहा, “परीक्षा शुरू हो गयी है। पहला सत्र नौ बजे शुरू होना था लेकिन वह 11 बजे शुरू हुआ। तब से परीक्षा के बाकी सत्र किसी भी और असुविधा से बचने के लिए आयोजित किये गये हैं।” इससे पहले दिन में दिन में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा था कि राज्य सरकार पूरे परीक्षा मुद्दे को संभालने में ‘गैर जिम्मेदार’ रही।
वडेट्टीवार ने कहा था कि राज्य सरकार को प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र खोलने चाहिए लेकिन उसने केवल चार केंद्र बनाए हैं जिसके कारण अभ्यर्थियों को परीक्षा देने के लिए लंबा सफर करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा था, “उम्मीदवारों ने जागकर रातें गुजारी और आज सुबह उन शहरों में पहुंचे जहां परीक्षा केंद्र हैं लेकिन उन्होंने पाया कि परीक्षा कुछ समय के लिए रोक दी गयी है।” कांग्रेस नेता ने कहा था, “राज्य सरकार के ऐसे गैरजिम्मेदाराना बर्ताव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अगर कोई उम्मीदवार निराश होता है और अपनी जान ले लेता है तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। सरकार ने परीक्षा कराने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं की।”
इस बीच एक सरकारी प्रस्ताव में बताया गया है कि राज्य में तलाठी के 32 प्रतिशत पद फिलहाल खाली हैं। अठारह अगस्त के इस प्रस्ताव के अनुसार राज्य में कुल स्वीकृत पद 15,744 हैं जिनमें 5038 पद खाली हैं और उन्हें भरने की प्रक्रिया चल रही है। तलाठी राजस्व विभाग का कर्मी होता है जिसका काम भूराजस्व की मांग, संग्रहण, भू- अधिकार के रिकार्ड, फसलों के निरीक्षण, सीमांकन, कृषि सांख्यिकी आदि गांव की भूमि संबंधी लेखा जोखा रखना होता है।