बिलासपुर : बिलासपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल जनता की ईमानदारी से सेवा की है। यही हमारा जीत का मूल मंत्र है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले हमने सभी 90 विधानसभा क्षेत्र के दावेदारों से आवेदन मंगाए थे। इस बार भी चुनाव लड़ने वाले दावेदारों से आवेदन मंगाए हैं। जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट मिलेगी। तब भी विवाद नहीं हुआ था और अब भी स्थिति नहीं बनेगी। उन्होंने एसईसीएल के निजीकरण के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का संकेत भी दिया है।
मुख्यमंत्री बघेल व्यापार विहार त्रिवेणी परिसर में संकल्प शिविर के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कामकाज को घरों तक लेकर जाने का काम कार्यकर्ता कर रहे हैं। पोलिंग बूथों के प्रबंधन को लेकर संकल्प शिविर में हमारी बात हो रही है। हमारा बूथ जितना मजबूत होगा जीत का आधार उतना ही पक्का रहेगा। कार्यकर्ता ही हमारे साथी हैं। उनकी भावना को समझना जरूरी है। उम्मीदवारी करने का सबको अधिकार है। हम सब एक ही पार्टी के कार्यकर्ता हैं।बिलासपुर विधानसभा में आयोजित संकल्प शिविर में सीएम बघेल ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा।
सीएम बघेल ने साफ कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है। बिलासपुर रेलवे जोन देश में सबसे ज्यादा कमाई करता है। सबसे ज्यादा पैसा देने वाला जोन है। देश के लाभकारी जोन में लोगों को यात्री ट्रेन की सुविधा नहीं मिल रही है। 60 साल से ऊपर वालों को यात्रा में जो छूट मिल रही थी वह भी बंद है। रेलवे में बिलासपुर के गरीब परिवार को रोजगार मिलता था। आज ट्रेन बंद है। उसी तरह अब एसईसीएल को बेचने का षड्यंत्र किया जा रहा है। आज एक खदान को निजी हाथों में सौंपा गया है। अभी विरोध नहीं होगा तो सभी आठ खदानों को बेच दिया जाएगा। इसके लिए बिलासपुर के लोगों को बस्तर की तरह एकजुट होना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेलवे स्टेशनों को चकाचक करने और पीएम नरेंद्र मोदी के वर्चुअल उद्घाटन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एयरपोर्ट बिक गया है और अब रेलवे स्टेशनों की बारी है। इसलिए रेलवे स्टेशनों को सजाने और संवारने का काम चल रहा है।
सीएम बघेल ने कहा कि एसईसीएल का मुख्यालय बिलासपुर में है। कोल उत्पादन में देश का सबसे अग्रणी कोल कंपनी यही है। केंद्र सरकार ने रायगढ़ जिले के खदान गारेपेलमा को निजी हाथों में सौंप दिया है। आने वाले समय में सभी खदानों को बेच दिया जाएगा। तब यह मत कहना है कि रोजगार नहीं मिल रहा है। आज एक खदान को सौंपा है कल एसईसीएल को सौंप दिया जाएगा। सीएम बघेल ने बस्तर के लोगों को साधुवाद देते हुए कहा है कि लौह अयस्क बैलाडीला खदान से आपूर्ति की जाती है। एक खदान के विरोध में बस्तर के आदिवासी खड़े हो गए। हमने खदान नहीं दिया। पौने पांच साल बित गए बस्तर से एक मुट्ठी लौह अयस्क नहीं निकल सका है। यही काम यहां करना है। कार्यकर्ताओं से पूछा इसके लिए आप तैयार हैं। पूरी उर्जा लगा दें। आठ खदान को हमने रोक दिया है। ईडी और आइटी का छापा का मतलब भी यही है।